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क्या आप डिप्रेशन से परेशान है अपनाए ये घरेलू उपाय

3 मिनट में जानें
Written by Dr. Anas B.A.M.S

@ B.A.M.S

हर किसी को भीड़ से अलग एकांत की तलाश होती है। पर जब ये एकांत एकांतवास में तब्दील हो जाता है तो बहुत परेशान करने लगता है। शांति की जगह सन्नाटा ले लेता है। इस सन्नाटे में आप कितना ही चीखें, चिल्लाएं, रोएं, आपको लगता है कि कोई सुनने वाला नहीं है। कोई आंसू पोंछने वाला नहीं है।

कई दफ़ा अपने प्रियजनों के आस-पास रहने के बावजूद भी आप अकेलापन महसूस करते हैं। आपकी ज़िंदगी में सब ठीक चल रहा होता है। लेकिन फ़िर भी आपको कुछ भी ठीक नहीं लगता!

ऐसा तब होता है जब आप अवसाद (Depression) के शिकार होते हैं। यह रोज़ के आम तनाव (stress) जैसा नहीं होता। डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को इस हद तक तनाव होता है कि उसके लिए रोज़मर्रा के आम काम काज करना भी मुश्किल हो जाता है!

आम तनाव से किस तरह अलग है डिप्रेशन?

अगर आप डिप्रेशन के शिकार हैं तो आपको कुछ ऐसा महसूस होता होगा…

  • चेहरे पर मुस्कान लेकिन अंदर दर्द ही दर्द महसूस होना।
  • नहाने जैसा मामूली काम भी बेहद कठिन लगेगा।
  • बहुत कम या बहुत ज़्यादा खाने का जी करता होगा।
  • भीड़ में असहज महसूस करना। लोगों से घुलने मिलने में कठिनाई महसूस होना।
  • हमेशा अकेला और असुरक्षित महसूस करना।
  • हमेशा मूड खराब रहना। बहुत ज़्यादा गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन और बेचैनी महसूस होना।
  • बिना कोई मशक्क़त किए थका-थका महसूस करना।
  • सारी उम्मीद खो देना। अंदर से टूटा हुआ महसूस करना।
  • अधिक गंभीर मामलों में मरने का जी करता है। डिप्रेशन ख़ुदकुशी का सबसे अहम कारण है।

अगर आप भी डिप्रेशन के शिकार हैं और आपको लगता है कि कोई आपकी मदद नहीं कर रहा तो इन तरीकों को आज़माएं। इनसे आपको ज़रूर मदद मिलेगी।

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    • कुछ करें, मगर क्या?

    कुछ भी, जो पसंद हो! अगर संगीत पसंद है तो संगीत सुनें, गाएं। रंगों से मुहब्बत है तो पेंटिंग करें, स्केचिंग करें। दिल भर आए तो डायरी लिखें। अपने पसंदीदा लेख़क की किताबें पढ़ें। लेकिन कुछ भी करके कुछ न कुछ करते रहें। खाली न रहें। अपने ख़ालीपन को अपनी मनपसंद चीज़ों से भरें।

    • प्लान बनाएं, घूमने जाएं

    अगर दोस्त प्लान नहीं बना रहें तो आप ही प्लैन बना लीजिए। मगर दोस्तों, रिश्तेदारों से ज़रूर मिलें। लेकिन ऐसे लोगों से मेल-जोल रखें जो आपको मोटिवेट करें। न कि हमेशा आपमें ऐब ढूंढते रहें।अगर कोई न मिले तो अकेले घूमने निकल जाएं। प्रकृति को निहारें। चिड़ियों की चहचहाहट सुनें। अनजान लोगों से मुख़ातिब हों। उनसे गुफ़्तगु करें।

    • किसी जानवर से प्यार करें

    अगर आप अकेला महसूस करते हैं तो आपको एक जानवर (Pet) रख़ लेना चाहिए। अगर आप ख़ुद कोई जानवर पालने की स्थिति में नहीं हैं तो अपने आस पास के लोगों के जानवरों का ख़्याल रखें। अगर आप उन्हें मोहब्बत देंगें, उनका ख़्याल रखेंगे तो वे भी आपको प्यार करेंगे। मुहब्बत देंगे। आपका ध्यान रखेंगे। इससे आपको खुशी मिलेगी और अकेलापन दूर होगा।

    • तुलनात्मक नहीं वास्तविक बनें

    कई लोग वास्तविकता से परे सोचने लगते हैं। ऐसे मुक़ाम तय करने लगते हैं जिन्हें पाना उनके लिए बेहद मुश्किल होता है। इन्हें पाने की जद्दोजहद में वे अपना अधिकतर समय इसी में गंवा देते हैं। दुनिया से कट जाते हैं।

    इसलिए छोटी-छोटी चीज़ों में भी ख़ुशियां ढूंढना सीखें। महंगा घर, महंगी कार, महंगा फोन, ढेर सारे पैसे के बिना भी अच्छी ज़िंदगी जी जा सकती है। इन सब चीज़ों को लेकर दूसरों के साथ खुद की तुलना न करें। आपके पास क्या है इस ओर ध्यान दें। उसकी कद्र करें।

    • पोस्ट या कमेंट करने की बजाए बात करें

    कुछ ही लोग सोशल मीडिया का ठीक तरह से उपयोग कर पाते हैं। अधिकतर लोग यहां पर अपना अधिकतर समय गंवाते ही हैं। लेकिन बदले में उन्हें मिलता है अकेलापन और कई दफ़ा धोख़ा भी।

    इसलिए जितना संभव हो सके ख़ुद को इस काल्पनिक दुनिया से दूर रखें। फेसबुक पर मित्रों के साथ तस्वीरें पोस्ट करने की बजाए उनसे मिलें। कमेंट करने की बजाए फोन करें, उनसे बात करें।

    • ख़ुद का ख़्याल रखें

    रोज़ाना ध्यान लगाएं। अपने साथ वक्त बिताएं। कोई नहीं सोच रहा तो आप अपने बारे में सोचें। ख़ुद के खाने पीने, खुद की सेहत का ध्यान रखें। इन चीज़ों के लिए किसी और पर निर्भर न रहें।

    • साइकोलॉजिस्ट को दिखाएं

    अगर ऊपर बताए गए तमाम उपाय आज़माने के बावजूद भी आराम नहीं मिल रहा तो किसी अच्छे साइकोलॉजिस्ट को दिखाने से न हिचकिचाएं। साइकोलॉजिस्ट के पास जाने का मतलब यह नहीं है कि आप पागल या साइको हैं। इसका मतलब है कि आपको मदद की ज़रूरत थी। आपने खुद की मदद की।

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