Description
जटामांसी एक आयुर्वेदिक हर्बल पौधा है। हिमालय की तराई में पाए जाने वाले इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आयुर्वेद में मुख्य रूप से न्यूरोप्रोटेक्टिव बूटी के रूप में किया जाता है। यह मस्तिष्क से जुड़ी सभी समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी है। जटामांसी का उपयोग बेहद लाभदायी है। जटामांसी देखने में बाल जैसा दिखाई देता है, इसको कई जगहों पर बालझड़ भी कहा जाता है। यह बालों की समस्या से निजात दिलाने के साथ ही विभिन्न रोगों के इलाज में भी उपयोगी है।
जटामांसी रुट से होने वाले फायदे (Benefits)
- बालों के लिए जटामांसी रुट के लाभ : बालों की समस्या से आजकल हर दूसरा व्यक्ति ग्रसित है। बदलते वक़्त की वजह से बढ़ते प्रदूषण और स्वस्थ्य खाना ना मिल पाने की वजह से बालों के टूटने की और असमय सफ़ेद की समस्या काफी बढ़ गई है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए जटामांसी रुट का उपयोग बेहद कारगर माना जाता है। ये बालों के झड़ने और सफ़ेद की समस्या को दूर करने में काफी प्रभावशाली है।
- स्ट्रेस या तनाव के लिए जटामांसी रुट : मानसिक थकान, तनाव, स्ट्रेस आदि की समस्या को दूर करने में भी जटामांसी रुट काफी प्रभावी है। इसके चूर्ण का सेवन करने से मस्तिष्क को पोषण मिलता है जिससे तनाव, स्ट्रेस आदि की समस्या दूर होती है। यह दिमागी शक्ति बढ़ाने में भी काफी लाभकारी है।
- बुखार के लिए जटामांसी रुट : किसी तरह की बुखार की समस्या को दूर करने के लिए भी जटामांसी रुट का उपयोग बेहद कारगर है। इसके इस्तेमाल से बुखार के दौरान होने वाली जलन, थकान और बेचैनी की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
- महिलाओं के लिए जटामांसी रुट : महिलाओं के लिए खासतौर से जटामांसी रुट पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में लाभकारी है। इसके साथ ही इसका इस्तेमाल बालों को घना, चमकदार और मजबूत बनाने के लिए भी काफी उपयोगी है।
जटामांसी रुट की ख़ुराक (Dosage)
- विभिन्न समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति के लिए इसकी ख़ुराक अलग-अलग हो सकती है। वैसे आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में 2 से 4 ग्राम तक इसकी ख़ुराक ले सकते हैं।
जटामांसी रुट से सावधानी (Precautions)
गर्भावस्था
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इसका सेवन सुरक्षित नहीं माना जाता है।
स्तनपान
छोटे बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए इसका सेवन सुरक्षित नहीं है।
हार्ट
हार्ट के मरीजों को इसका सेवन डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करनी चाहिए।
लिवर
लिवर संबंधित बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति को जटामांसी रुट का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करनी चाहिए।
किडनी
किडनी रोग की समस्या वाले व्यक्ति के लिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
जटामांसी रुट से नुक़सान (Side Effects)
- इसके इस्तेमाल से कुछ लोगों को लिवर से जुड़ी समस्या या पेट दर्द की शिकायत हो सकती है।
- हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए इसका उपयोग नुकसानदायक हो सकता है।
- संवेदनशील लोगों को इसके सेवन से किसी तरह की एलर्जी हो सकती है।
- उचित मात्रा में इसका इस्तेमाल ना करने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान समस्या हो सकती है।
सवाल जवाब (FAQs)
- क्या जटामांसी रुट का सेवन छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित है ?
छोटे बच्चों को इसकी ख़ुराक देने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।
- क्या जटामांसी रुट का इस्तेमाल दांत के दर्द से निजात पाने के लिए किया जा सकता है ?
जटामांसी रुट के चूर्ण का उपयोग दांतों पर करने से दांत दर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
- क्या त्वचा के लिए जटामांसी रुट का इस्तेमाल सुरक्षित है ?
इसका इस्तेमाल त्वचा की रंगत को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
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