Description
अगरकाष्ठ की छाल और पत्तियों का इस्तेमाल आयुर्वेद में मुख्य रूप से दवाओं के निर्माण में किया जाता है। इसके प्रयोग से बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण विशेष रूप से विभिन्न रोगों में प्रभावी माना जाता है। इसे कई जगहों पर गरु भी कहते हैं, इसका वानस्पतिक नाम एक्यूलारिया आगालोचा है।
अगरकाष्ठ से होने वाले फायदे (Benefits)
- जोड़ों के दर्द के लिए अगरकाष्ठ : जोड़ों में होने वाले दर्द की समस्या विशेष रूप से आर्थराइटिस या गठिया की बीमारी से पीड़ित लोगों को होती है। जोड़ों के दर्द और सूजन की समस्या से निजात पाने के लिए अगरकाष्ठ को बेहद लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसके छाल के पेस्ट को जोड़ों के दर्द में लगाने से आराम मिल सकता है।
- अस्थमा के लिए अगरकाष्ठ : अस्थमा के मरीजों को मुख्य रूप से सांस लेने में खासा दिक्कत होती है। इस समस्या के समाधान के लिए अगरकाष्ठ को बेहद प्रभावी माना जाता है। इसके सेवन से अस्थमा की बीमारी में काफी हद तक राहत मिल सकती है। आयुर्वेद में इसके पत्तों को मुख्य रूप से अस्थमा की बीमारी में प्रभावी माना जाता है।
- पेट के लिए अगरकाष्ठ : पेट की समस्याओं से निजात पाने के लिए भी अगरकाष्ठ को बेहद लाभदायक माना जाता है। इसके सेवन से पाचन से जुड़ी समस्या को दूर करने में विशेष सहायता मिलती है। पेट में गैस, अपच या दस्त को दूर करने में भी अगरकाष्ठ को विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।
- त्वचा की समस्या के लिए अगरकाष्ठ : त्वचा से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए अगरकाष्ठ का उपयोग आयुर्वेद में खासतौर से किया जाता है। इसके उपयोग से मुहांसों और पिंपल की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है। चेहरे पर इसका लेप लगाने से त्वचा से जुड़ी इन समस्याओं से कुछ ही दिनों में छुटकारा पाया जा सकता है।
अगरकाष्ठ की ख़ुराक (Dosage)
- इसकी ख़ुराक व्यक्ति के उम्र, अवस्था और स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दी जाती है। इसके ख़ुराक की सही जानकारी किसी हर्बलिस्ट से लेना ही उचित माना जाता है।
अगरकाष्ठ से सावधानी (Precautions)
गर्भावस्था
गर्भवती महिलाओं को अगरकाष्ठ का सेवन डॉक्टरी सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
स्तनपान
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टरी परामर्श के बाद ही करनी चाहिए।
हार्ट
हार्ट के मरीजों को अगरकाष्ठ का सेवन डॉक्टरी सलाह के बाद ही करनी चाहिए।
लिवर
लिवर की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए इसके सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श लेना जरूरी है।
किडनी
किडनी से जुड़ी समस्या होने पर अगरकाष्ठ का सेवन डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें।
अगरकाष्ठ के नुकसान (Side Effects)
- इसके अधिक सेवन से चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
- हार्ट, बीपी और डायबिटीज की दवाओं का सेवन करने वालों के लिए इसका सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
- किसी भी हर्ब से एलर्जी वाले लोगों को भी इसके सेवन से नुकसान हो सकता है।
सवाल जवाब (FAQs)
- क्या इसके सेवन से डायबिटीज के मरीजों को फायदा हो सकता है ?
इसके सेवन से कुछ हद तक टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
- क्या अगरकाष्ठ के सेवन से पाचन तंत्र को ठीक किया जा सकता है ?
इसके सेवन से काफी हद तक पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है।
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