Description
गुलमेहंदी को आम भाषा में रोजमेरी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मौजूद औषधीय गुणों की वजह से इसका उपयोग आयुर्वेदिक रूप से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम साल्विया रोसमारिनस है। कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी-6 से भरपूर गुलमेहंदी का उपयोग कई तरह के दर्द निवारण के रूप में भी किया जाता है।
गुलमेहंदी से होने वाले फायदे (Benefits)
- अल्ज़ाइमर के लिए गुलमेहंदी के फायदे : यादाश्त तेज करने के लिए गुलमेहंदी का इस्तेमाल करना ख़ासा लाभदायक माना जाता है। विशेष रूप से बुजुर्गों में एक उम्र के बाद आमतौर पर अल्ज़ाइमर की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी में मरीज की यादाश्त काफी हद तक प्रभावित हो जाती है। ऐसे में गुलमेहंदी का उपयोग करना काफी प्रभावी माना जाता है।
- स्ट्रेस दूर करने के लिए गुलमेहंदी के फायदे : मानसिक तनाव या स्ट्रेस की समस्या आजकल अमूमन सभी में देखी जाती है। एक बच्चे से लेकर वयस्क तक इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। तनाव कम करने में गुलमेहंदी के तेल का इस्तेमाल काफी लाभप्रद माना गया है। इसका इस्तेमाल अरोमा थेरेपी में भी मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है।
- इम्युनिटी के लिए गुलमेहंदी के फायदे : कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी कार्सिनोजेनिक गुणों से भरपूर गुलमेहंदी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी उपयोगी है। किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए शरीर की इम्युनिटी का मजबूत होना आवश्यक है। बहरहाल इसके सेवन से काफी हद तक एक स्ट्रांग इम्युनिटी बिल्ड अप किया जा सकता है।
- बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के लिए गुलमेहंदी के फायदे : हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को समय-समय पर शरीर से बाहर निकालना बेहद जरूरी होता है। ऐसा ना करना बहुत सी बीमारियों को न्यौता दे सकता है। गुलमेहंदी का सेवन कर बॉडी को पूरी तरह से डिटॉक्सिफाइ किया जा सकता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार है।
डगुलमेहंदी की ख़ुराक (Dosage)
- हर व्यक्ति के उम्र, स्वास्थ्य समस्या और जेंडर के हिसाब से गुलमेहंदी की अलग-अलग ख़ुराक दी जाती है। इसकी उचित जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट से संपर्क करना जरूरी है।
गुलमेहंदी से सावधानी (Precautions)
गर्भावस्था
गर्भवती महिलाओं को गुलमेहंदी का सेवन डॉक्टरी सलाह के बिना नहीं करनी चाहिए।
स्तनपान
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टरी परामर्श के बाद ही चाहिए।
हार्ट
हार्ट के मरीजों को गुलमेहंदी का सेवन डॉक्टरी परामर्श के बिना नहीं करनी चाहिए।
लिवर
लिवर की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए इसके सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श लेना जरूरी है।
किडनी
किडनी से जुड़ी समस्या होने पर गुलमेहंदी का सेवन डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें।
गुलमेहंदी के नुकसान (Side Effects)
- गर्भावस्था के दौरान गुलमेहंदी का सेवन करना गर्भपात का कारण बन सकता है।
- एक उचित मात्रा से ज्यादा गुलमेहंदी का सेवन करने से मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।
- गुलमेहंदी के तेल का इस्तेमाल करने से स्किन एलर्जी हो सकती है।
- इसके सेवन से कई बार किडनी में जलन की समस्या भी हो सकती है।
सवाल जवाब (FAQs)
- क्या छोटे बच्चों के लिए गुलमेहंदी का सेवन लाभप्रद है ?
छोटे बच्चों को गुलमेहंदी की ख़ुराक बिना डॉक्टरी परामर्श के नहीं दिया जाना चाहिए। इससे बच्चों को नुकसान हो सकता है।
- क्या ब्लीडिंग डिसऑर्डर होने पर गुलमेहंदी का उपयोग किया जा सकता है ?
ब्लीडिंग डिसऑर्डर में गुलमेहंदी का उपयोग करना नुकसानदेह हो सकता है।
- क्या बालों के लिए गुलमेहंदी लाभदायक है ?
गुलमेहंदी का उपयोग बालों पर करने से बालों का झड़ना रोका जा सकता है और गंजेपन की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।
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