Description
आयुर्वेद में शिवलिंगी को एक ऐसी जड़ी बूटी माना जाता है जिसका उपयोग विशेष रूप से सेक्सुअल वेलनेस के लिए किया जाता है। वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए इसका इस्तेमाल स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ब्रायोनिया लैसीनोसा है। बुखार और कब्ज की समस्या होने पर भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
शिवलिंगी बीज के फायदे (Benefits)
- पुरुषों के सेक्सुअल वेलनेस के लिए शिवलिंगी बीज : पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की संख्या को बढ़ाने के लिए शिवलिंगी बीज का उपयोग काफी लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से पुरुषों की नपुंसकता खत्म होती है और उनके यौन ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। आयुर्वेद में पुरुषों की सेक्सुअल वेलनेस के लिए इसका उपयोग मुख्य रूप से किया जाता है।
- महिलाओं के लिए शिवलिंगी बीज : महिलाओं के प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए शिवलिंगी बीज का उपयोग सदियों से किया जाता आ रहा है। इसके सेवन से महिलाओं में बांझपन की समस्या का भी समाधान होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही बहुत सी महिलाओं के प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है। शिवलिंगी बीज का सेवन करने से महिलाओं की इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता।
- बुखार के लिए शिवलिंगी बीज : इस आयुर्वेदिक बीज में विशेष रूप से एनोडिन पाया जाता है। इसे बुखार को कम करने में प्रभावी माना जाता है। एक शोध के अनुसार शरीर पर इसका प्रभाव पैरासिटामोल की तरह होता है। शरीर के तापमान को कम करने में यह काफी असरदार तरीके से काम करता है।
- वेट लॉस के लिए शिवलिंगी बीज : वजन कम करने के लिए आजकल लोग ना जाने क्या-क्या नहीं करते। आयुर्वेद में शिवलिंगी को वजन कम करने के लिए भी काफी लाभकारी माना गया है। इसके सेवन से बेहद प्रभावी ढंग से वेट लॉस किया जा सकता है।
शिवलिंगी बीज की ख़ुराक (Dosage)
- व्यक्ति के उम्र, जेंडर और स्वास्थ्य समस्या के आधार पर शिवलिंगी की ख़ुराक दी जाती है। इसके ख़ुराक की सही जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट की सलाह लेना बेहद उपयोगी माना जाता है।
शिवलिंगी बीज से सावधानी (Precautions)
गर्भावस्था
गर्भवती महिलाओं को शिवलिंगी बीज का सेवन बिना डॉक्टरी परामर्श के नहीं करना चाहिए।
स्तनपान
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इसका सेवन बिना डॉक्टरी परामर्श के नहीं करना चाहिए।
हार्ट
हार्ट के मरीजों को शिवलिंगी बीज का सेवन बिना डॉक्टरी परामर्श के नहीं करनी चाहिए।
लिवर
लिवर की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए इसके सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श लेना जरूरी है।
किडनी
किडनी से जुड़ी समस्या होने पर शिवलिंगी बीज का सेवन डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें।
शिवलिंगी बीज के नुकसान (Side Effects)
- अधिक मात्रा में शिवलिंगी बीज का सेवन करने से उल्टी या मतली की समस्या हो सकती है।
- डायबिटीज, हार्ट और बीपी की दवाओं का सेवन करने वालों के लिए इसका सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
- सर्जरी से ठीक पहले या कुछ दिनों बाद तक इसके सेवन से नुकसान हो सकता है।
सवाल जवाब (FAQs)
- क्या बुखार होने पर बच्चों को शिवलिंगी बीज की ख़ुराक दी जा सकती है ?
छोटे बच्चों को शिवलिंगी बीज की ख़ुराक बिना डॉक्टरी परामर्श के ना दें।
- एक वयस्क व्यक्ति आमतौर पर एक दिन में शिवलिंगी बीज की कितनी ख़ुराक ले सकता है ?
एक वयस्क व्यक्ति एक दिन में 1 से 3 ग्राम तक शवलिंगी बीज की ख़ुराक ले सकता है।
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