कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वैसे तो कैंसर शरीर के कई भाग में होता है लेकिन मुंह के कैंसर की बात करें तो ये सबसे ज़्यादा पीड़ादायक माना जाता है। इस रोग के कारण पीड़ित व्यक्ति को खाने-पीने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई लोगों का मानना है कि गुटखा, और शराब आदि के सेवन से मुंह का कैंसर होता है तो ये धारना बिल्कुल गलत है। कैंसर जैसे रोग किसी को भी हो सकते हैं। और ऐसा होने का कारण केवल गुटखे का सेवन ही नहीं बल्कि और भी कई गलतियां हैं।
मुंह में कैंसर होने के कारण (Causes of oral cancer)
भारत देश में मुंह के कैंसर के मामले सबसे ज़्यादा पाए जाते हैं। ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान है। इसके अलावा भी ये कई और कारणों से होता है जैसे-
- धुम्रपान करना- धुम्रपान को मुंह के कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण माने तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। क्योंकि गुटखे में कई हानिकारक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। औरे विषैले पदार्थ को हम अपने मुंह के द्वारा ग्रहण करते हैं जिससे मुंह में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- मुंह की सफाई ना करना- दांतों और मुंह की रोज़ाना अच्छी तरह सफाई ना करने से भी कैंसर की शिकायत हो जाती है।
- छाले होना- कुछ लोगों को मुंह में छालों की समस्या ज़्यादा होती है। ऐसे में वो लोग ये कहकर इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि ये तो हमेशा का है अपने आप ठिक हो जाएगा। लेकिन ये गलत है। लंबे समय तक छालों की समस्या बनी रहे तो ये कैंसर का रूप ले लेती है।
- जंक फूड का सेवन- रोज़ाना हम एक जैसा खाना खाने से बोर हो जाते हैं ऐसे में स्वाद में बदलाव करने के लिए जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बा बन्द चीजों का सेवन कर लेते हैं। ये जानते हुए भी की इनकी क्वॉलिटी खराब होती है। ऐसे में ये फूड मुंह के कैंसर का कारण बनते हैं।
- प्रदूषण भी है कारण- प्रदूषण भी मुंह के कैंसर का कारण हो सकता है। अचानक मौसम में आने वाला बदलाव और डस्ट, वुड, कैमिकल, धुंआ, धूल आदि में सांस लेने के कारण व्यक्ति कैंसर का शिकार हो जाता है।
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मुंह के कैंसर को ऐसे पहचाने (Symptoms of mouth cancer)
ओरल कैंसर(oral cancer) अधिकांस पुरूषों को अपना शिकार बनाता है। क्योंकि पुरूष पान मसाला, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि का प्रयोग ज़्यादा करते हैं। लेकिन आजकल महिलाएं भी इस रोग से अछुती नहीं रह पाई हैं। क्योंकि महिलाओं में भी तंबाकू और ड्रिंक करने जैसी आदते बड़ी ही तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं जिसके कारण कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। और ये एक ऐसा रोग है जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति की जान भी चली जाती है। ऐसे में इसके लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी होता है। क्योंकि लक्षणों के आधार पर ही कैंसर का इलाज करवाया जाता हैं।
- कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को सामान्य गतिविधियों को करने में भी थकान महसूस होने लगती है।
- मुंह के कैंसर में निरंतर गले में दर्द रहता है। साथ ही कुछ भी खाने पीने से मुंह के अंदर जलन महसूस होता है।
- जब आपके या आपके परिवार में किसी को खांसने पर मुंह से खून आए तो इस स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करें। हो सकता है वो व्यकति मुंह के कैंसर से पीड़ित हो।
- मुंह में हमेशा गांठ सा महसूस होना। इतना ही नहीं इस रोग का शिकार होने पर मरीज की आवाज़ में बदलाव होना।
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मुंह के कैंसर के लिए होम्योपैथी दवाइयां (Homeopathy medicines for oral cancer)
वैसे तो कैंसर के लिए कई एलोपैथी इलाज मौजूद हैं। लेकिन होम्योपैथी दवाइयां किसी भी तरह के बीमारी में बहुत लाभदायक होती हैं। क्योंकि इन होम्योपैथी दवाइयों में बीमारियों को जड़ से खत्म करने की शक्ति होती है। साथ ही इन दवाइयों का शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। तो आज हम आपको मुंह के कैंसर की कुछ असरदार होम्योपैथी दवाइयां बताने जा रहे हैं जिसके सेवन से आप मुंह के कैंसर को आसानी से खत्म कर सकते हैं।
- कोनियम-मैक (CONIUM-MAC)- इस दवाई को खासतौर पर कैंसर के मरीज़ों के लिए ही बनाया गया है। इसे ट्यूमर, ब्रैस्ट कैंसर, माउथ कैंसर आदि में दिया जाता है।
- कोनडूरेनगो (CUNDURANGO)- इस दवाई का प्रयोग तब किया जाता है जब कैंसर के कारण मुंह से खून आने लगता है। इस स्थिति में मुंह में जलन सा महसूस होता है। ऐसे में ये दवाई बहुत लाभदायक है।
- साइलीसिया (SILICEA)- यह ट्यूमर और कैंसर की खास दवाई है। इसके सेवन से धीरे-धीरे कैंसर रोग खत्म हो जाते हैं।
ऊपर बताई गई दवाइयां मुंह के कैंसर के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इस लेख से आप मुंह के कैंसर के लक्षणों को भी आसानी से पहचान सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें ऊपर दी गई दवाइयां केवल जानकारी के लिए है। इस तरह के किसी भी प्रकार की दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
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