आजकल कैंसर जैसी बीमारी काफी तेज़ी से फैल रही है। ये एक ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी को हो जाए तो ठीक होने का नाम नहीं लेती है। अक्सर लोग इस बीमारी को पहचान नहीं पाते हैं। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही पीड़ित व्यक्ति की जान ले सकती है। कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर गले में कैंसर के मामले ज़्यादा सूनने में आते हैं। क्योंकि गलत खानपान के कारण लोग गले के कैंसर से प्रभावित हो जाता है।
गले में कैंसर होने के कारण (Causes of neck cancer)
कई बार लोग खतरनाक बीमारी के शिकार हो जाते हैं। जैसे कैंसर, गठिया आदि। लेकिन उन्हे ये नहीं पता होता की आखिर ये रोग किन कारणों से होता है। ऐसे में कैंसर होने का सही कारण जानकर इसे होने से पहले ही रोका जा सकता है। तो आज हम आपको कैंसर होने के कारणों के बारे में बताएंगे। जिसे जानकर आप इस रोग को होने से पहले ही जड़ से खत्म कर सकते हैं। तो आए जानते हैं। कैंसर किन कारणों से होता है।
- तंबाकू का अधिक सेवन- ज़रूरत से ज़्यादा स्मोकिंग, शराब, और तंबाकू खाने की आदत से गले में कैंसर की शिकायत हो जाती है। धुम्रपान करना कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है।
- प्रदूषण भी है कारण- वातावरण में होने वाला बदलाव भी कैंसर जैसे रोगों को जन्म देती है। क्योंकि डस्ट, वुड, कैमिकल डस्ट, धुंआ, धूल के कण कैंसर के कारण है।
- घाव भी है जिम्मेदार- मुंह में होने वाला घाव अगर लंबे समय तक बना रहे और ठीक ना हो तो इस कारण भी गले में कैंसर की शिकायत हो जाती है।
- विटामिन की कमी- विटामिन बी और डी की कमी के कारण भी गले में कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- अधिक मीट का सेवन- रेड मीट, भुना हुआ मीट और ज़्यादा नमक वाले खाना खाने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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कैंसर के लक्षण (Symptoms of cancer)
गले में कैंसर होना एक खतरनाक बीमारी है। जल्द से जल्द इलाज के लिए इसके लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है। तो आज हम आपको कैंसर के कुछ ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं जिससे आप कैंसर के लक्षणों को आसानी से पहचान सकेंगे। तो आइए जानते हैं।
- गले में कैंसर होने के बाद आवाज़ भारी हो जाती है। अगर आपके भी गले की आवाज़ भारी हो रही हो तो हो सकता है कि आप कैंसर के शिकार हो।
- कैंसर के संपर्क में आने से मुंह के अंदर गहरे लाल या सफेद रंग के पैचेज बनने लगते हैं।
- खाना खाने में परेशानियों का सामना करना। क्योंकि कैंसर से पीड़ित होने पर खाना खाने या कुछ भी निगलने में दिक्क्तें होती हैं।
- यदि आप कैंसर के शिकार होंगे तो आपके मुंह से कफ निकलेगा और अगर कफ के साथ खून भी निकले तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
- हमेशा गले में दर्द, जकड़न और गलफड़ों में सूजन महसूस होगा।
गले के कैंसर का इलाज (Treatment of neck cancer)
आजकल प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी का शिकार ज़रूर है। लकिन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसे लाइलाज कहा जाता है। हज़ारो लोग कैंसर के रोग से मर जाते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे की कैसे आप कैंसर का इलाज कर सकते हैं। और इसे होने से पहले कैसे रोका जा सकता है।
- तुलसी का इस्तेमाल- अगर हम आयुर्वेद की नज़र से देखें तो यहां तुलसी का बहुत महत्व है। ये इतना गुणकारी है कि लगभग सभी आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में तुलसी की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने से कैंसर रोग खत्म हो सकता है।
- सलाद खाएं- गले के कैंसर में व्यक्ति का खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। इसलिए सलाद के पत्ते खाएं। ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। क्योंकि इसमें कैल्सियम, आयरन, केरोटीन, विटामिन और फास्फोरस जैसे कई विटामिन तथा मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके अलावा ये प्रोटीन और फाईबर, का भी अच्छा स्त्रोत है।
- टमाटर भी है फायदेमंद- लाल-लाल दिखने वाले टमाटर गले के कैंसर के लिए बहुत फायदेमंद है। टमाटर अनेक प्रकार के कैंसरों से लड़ने में मदद करता है। खासकर छाती और गले के कैंसर के लिए ये बहुत गुणकारी है।
- अनारदाना का सेवन- अनारदाना कैंसर के रोगी की उम्र बढ़ा देता है। इसके नियमित सेवन से गले का कैंसर कम होने लगता है।
- लहसुन खाएं- लहसुन किसी भी रोग के लिए एक रामबाण घरेलू नुस्खा है। रोज़ाना सुबह खाने के बाद व रात में सोने से पहले लहसुन की 2 से 3 कलियां शहद में भिगोकर खाएं। इससे कैंसर के साथ-साथ शरीर में किसी भी तरह के रोग नहीं लगते हैं।
अक्सर कहा जाता है कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है। इसलिए इस रोग से बचना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आप गलत खानपान व धुम्रपान आदि से थोड़ी दूरी बनाए रखें। और आपको लगे की आपके गले में किसी भी तरह की कोई परेशानी जैसे घाव और छाले आदि हो तो इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। बिना डॉक्टर से संपर्क किए बिना किसी भी तरह की दवाइयों का सेवन करने से बचें।
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