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दिल की धड़कनों का बार-बार तेज होने के कारण और लक्षण

5 मिनट में जानें
Written by Juli Kumari

@ Health Expert

दिल को शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। क्योंकि यदि हम ज़िंदा है तो केवल स्वस्थ दिल के कारण। ऐसे में यदि हमारे दिल की धड़कन थोड़े समय के लिए काम करना बंद कर दे तो क्या होगा? जी हां आप बिल्कुल सही सोंच रहे हैं। यदि हमारा दिल कुछ सैकंड के लिए भी काम करना बंद कर दे तो हमारी सांसे रूक जाएंगी। ऐसे में खुशहाल रहने के लिए दिल का सवस्थ रहना बहुत ज़रूरी है।

दिल की धड़कन बढ़ने के कारण (Causes of increased heartbeat)

वैसे तो दिल की धड़कन का बढ़ना कोई बड़ी बीमारी नहीं है। लेकिन अगर ये समस्या बार-बार हो तो ये भयानक रोग में बदल सकता है। ऐसे में इसके कारणों को जानना बहुत ज़रूरी है कि आखिर दिल तेज़ क्यों धड़कता है। तो आइए जानते हैं।

दिल की धड़कन बढ़ने के कारण (Causes of increased heartbeat)

 

  • तनाव (Tension)

जब आप किसी तनाव भरी स्थिति में होते हैं। तो इस कारण आपके दिल की धड़कने बढ़ सकती हैं। क्योंकि इस स्थिति में सिंपेथेटिक नर्वस सिस्टम और एडरनल ग्लैंड्स एक नोरेपिनफ्रिन का स्राव करता है जिसे एड्रेनालाईन के रूप में भी जाना जाता है। इसके कारण आपके दिल में मौजूद रिसेप्टर्स इस हार्मोन का जवाब देते हैं जिसके कारण आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती है।

  • कैफीन खाना (Eat caffeine)

कई बार कुछ सामान्य कारणों से भी दिल तेज़ धड़कने लगता है। क्योंकि कभी-कभार कैफीन का अधिक सेवन करने से भी ऐसा हो सकता है। जैसे आपने अधिक कॉफी का सेवन किया हो तो ऐसा होना आम है। क्योंकि कैफीन युक्त पदार्थ उत्तेजक की तरह काम करते हैं। जिससे दिल तेज़ धड़कने लगता है।

  • शुगर का सेवन (Eat sugar)

वशायुक्त पदार्थ और ज़्यादा शुगर का सेवन करने से दिल की धड़कन बढ़ने का खतरा रहता है।

  • एल्‍कोहल (Alcohol)

एल्कोहल का सेवन करने से दिल की धड़कनें बढ़ सकती है। यदि आपको दिल से संबंधित कोई भी बीमारी है तो इस स्थिति में एल्‍कोहल का सेवन करना आपके लिए पल्पिटेशन का कारण बन सकता है।

  • बीमारियां (Diseases)

यदि आप थायरॉइड, रक्‍तचाप, एनीमिया, लो ब्‍लड शुगर, निर्जला बुखार आदि से पीड़ित हैं तो भी आपके दिल की धड़कने बढ़ सकती हैं।

  • परिश्रम करना (to hard work)

कई लोग ऐसे होते हैं। जो ज़्यादा मेहनत वाले काम नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जब उन्हें कोई ऐसा काम करना पड़ता है जिसमें काभी मेहनत लगे तो इस स्थिति में दिल की धड़कन सामान्य से तेज़ हो सकती हैं।

  • पैनिक अटैक (Panic attack)

पैनिक अटैक के कारण भी दिल की धड़कने तेज़ धड़कने लगती हैं। इस दौरान शरीर में कंपन, सांस लेने में तकलिफ, पसीना आना, घबराहट आदि महसूस होने लगता है।

  • सर्दी-ज़ुकाम (cold)

यदि आप सर्दी-ज़ुकाम या बुखार आदि से पीड़ित हैं तो इस स्थिति में भी अधिक खांसने और छींकने के कारण आपके दिल पर जोर पड़ता है। जिसके कारण दिल धड़कने की समस्या हो जाती है। क्योंकि शरीर में मौजूद इंफेक्शन से लड़ने के लिए दिल को प्रभावित ढंग से काम करना पड़ता है जिससे आपका दिल तेज़ी से धड़कना शुरू हो जाता है।

  • हार्ट अटैक (heart attack)

जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आने वाला हो तो इस स्थिति में व्यक्ति का दिल तेज़ी से चलने लगता है।

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    दिल धड़कने के लक्षण (Heart beat symptoms)

    पहले दिल की समस्या केवन उम्रदराज लोगों में ही सुनने को मिलती थी लेकिन आजकल ये परेशानी केवल उम्रदराज लोगों में ही नहीं बल्कि युवा पीढ़ी में भी काफी सुनने को मिलती है। ऐसे में जल्द से जल्द इसके लक्षणों को पहचानकर इसका नियमित इलाज करवाना ज़रूरी होता है। अन्यथा इस रोग के कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है। तो आज हम आपको दिल की धड़कने तेज़ होने के कुछ लक्षण बताने जा रहे हैं। जिसे ध्यान में रखकर आप दिल की धड़कन बढ़ने से रोक सकते हैं। तो आइए जानते हैं।

    दिल धड़कने के लक्षण (Heart beat symptoms)

    • सीने में दर्द (Chest pain)

    जब भी किसी व्यक्ति में दिल तेज़ धड़कने की शिकायत होती है तो ऐसे में उपके सीने में धीरे-धीरे दर्द होता है। और कुछ समय बाद ही ये दर्द तेज़ दर्द में तब्दिल हो जाता हैं।

    • हार्ट रेट का बढ़ना (Increased heart rate)

    इस रोग से पीड़ित व्यक्ति का हार्ट रेट अचानक ही बढ़ने लगता है। इस स्थिति में दिल 100 बीट प्रति मिनट से धड़कने लगता है। जिससे व्यक्ति को घबराहट और पसीना आने लगता है।

    • वज़न कम होना (Loss of weight)

    इस समस्या के कारण दिल धड़कने के साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति के सीने में दर्द, गर्दन में तनाव, थकावट होने लगती है। इस स्थिति में व्यक्ति चलते-चलते बैठ जाता है। इतना ही नहीं इस रोग के कारण पीड़ित व्यक्ति का वज़न तेज़ी से कम होने लगते है।

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    • चक्‍कर आना (dizziness)

    दिल की बीमारी होने पर रोगी को हमेशा चक्कर आने की शिकायत रहती है। क्योंकि इस रोग के कारण रक्त संचार बाधित हो जाता है। जिसके कारण दिल तेज़ धड़कने के साथ-साथ चक्कर भी आने लगता है।

    • व्‍यायाम में परेशानी (Exercise difficulties)

    दिल के रोगी को दौड़ने, भागने, पैदल चलने, उठने-बैठने और व्यायाम करते समये दिल तेज़ी से धड़कने लगता है। साथ सांस फूलने की भी शिकायत हो जाती है।

    • बेहोश होना (to faint)

    यदि आपके घर में कोई अचानक ही बेहोश हो जाता है तो इस स्थिति में वो व्यक्ति दिल की बीमारी से पीड़ित हो सकता है। ऐसे में इस तरह की किसी भी स्थिति को हल्‍के में ना लें और जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करें।

    • सांस लेने में समस्या (Trouble breathing)

    कई बार लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। जिसके कारण वो मुंह की सहायता से सांस लेने को मजबूर हो जाते हैं। यदि ये समस्‍या ज़्यादा हो तो डॉक्‍टर से परामर्श लें और उचित उपचार कराएं।

    यह ज़रूरी नहीं है कि किसी व्‍यक्ति का दिल तेज़ी से धड़कता है तो उसे ह्दय संबंधी बीमारी हो। कभी-कभार ऊपर बताए गए कारणों से भी दिल असामान्य स्थिति में आ जाता है। और तेज़ धड़कने लगता है। लोकिन यदि ये समस्या ज़्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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