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बुखार के कारन, लक्षण और इलाज

Written by Pooja Sharma

@ Health Expert

बुखार मौसम में बदलाव के कारण अधिक होता है। इसके अलावा खांसी जुकाम जैसी परेशानियां भी होती है। बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये भयानक रोग का रूप भी ले सकता है। केवल मौसम में बदलाव नहीं थकान होने के कारण भी बुखार होता है। आपको इस लेख के ज़रिए बुखार के लक्षण, कारण और इसके घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। हम अक्सर बुखार को हल्के में लेते हैं लेकिन ये खतरनाक रोग का रूप ले सकता है इसलिए जितना जल्दी हो सके इसका उपचार कर लेना चाहिए।

बुखार के प्रकार (Types of fever)

बुखार कई तरह का होता है लेकिन दो मुख्य प्रकार के बुखार हैं जिससे लोग सबसे ज़्यादा ग्रस्त होते हैं। मियादी और दिमागी बुखार दोनों बेहद ही खतरनाक हैं क्योंकि इनसे व्यक्ति की जान को भी खतरा हो जाता है। नीचे आपको इनके होने के लक्षण बताते हैं।

मियादी बुखार क्या है?( what is typhoid)

मियादी बुखार क्या है?( what is typhoid)

इस बुखार को टायफाइड भी कहते हैं। आमतौर पर मियादी बुखार गंदा पानी या दूषित भोजन का सेवन करने से होता है। यह सेलमोनेला टायफाइड बैक्टीरिया के ज़रिए फैलता है। यह बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति छूने भर से हो जाता है। वैसे कई बार मौसम बदलने के कारण भी टायफाइड हो जाता है। इतना ही नहीं अगर घर में किसी सदस्य को टायफाइड है तो बाकि सदस्य भी इसकी चपेट में आ जाते हैं।

  • पूरे बदन में दर्द होने लगता है और कमज़ोरी महसूस होती है।
  • कोई भी खाने-पीने की चीज़ कड़वी लगने लगती है।
  • कंधों और जांघों में दर्द होने लगता है।
  • भूख कम लगने लगती है और कुछ खाने का मन नहीं होता है।

दिमागी बुखार क्या है?( What is brain fever)

दिमागी बुखार एक खतरनाक बीमारी है इसमें इंसान धीरे धीरे अपनी सोचने समझने की क्षमता खोने लगता है। इसे मस्तिष्क ज्वर या ब्रेन फीवर भी कहते हैं। मस्तिष्क में सूजन आने का सबसे कॉमन वजह वायरल इंफेक्शन होता है। इसके अलावा बैक्टीरिया और फंगस की वजह से भी दिमाग बुखार की समस्या हो सकती है। इसके कुछ मुख्य लक्षण बताने जा रहे हैं।

दिमागी बुखार क्या है?( What is brain fever)

  • अचानक से सिर में तेज़ दर्द होना शुरू हो जाता है।
  • शरीर और मांसपेशियो में कमज़ोरी महसूस होने लगती है।
  • हाथों और पैरों में दर्द होने लगता है। उल्टी या दस्त होने की संभावना हो सकती है।
  • आपकी गर्दन, पीठ और कंधो मे अकड़न आने लगती है।
  • दिमागी बुखार होने पर व्यक्ति को तेज बुखार और ठण्ड लगने के साथ-साथ की मानसिक स्थिति में भी परिवर्तन होने लगता है।

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    बुखार के इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया तो हो सकता है जान को खतरा

    • बुखार के इन कारणों से रहें सतर्क( causes of fever)
    • बुखार के लक्षणों को ना करें नज़रअंदाज(symptoms of fever)
    • बुखार के प्रकार (Types of fever)
    • बुखार की अंग्रेजी दवा (Allopathic medicine for typhoid)
    • बुखार की आर्युवेदिक उपाय (Ayurvedic remedies for fever)
    • बुखार से बचने के घरेलू उपाय ( Bukhar ke gharelu upay)

    बुखार के इन कारणों से रहें सतर्क(Causes of fever)

    बुखार को हल्के में ना लें क्योंकि इसे नज़रअंदाज़ करने से यह खतरनाक रोग में बदल सकता है। आपको इसके कुछ कारण बताए गए हैं जिसके कारण बुखार आ सकता है।

    बुखार के इन कारणों से रहें सतर्क(Causes of fever)

    • डिहाइड्रेशन यानि शरीर में पानी की मात्रा की कमी होने की वजह से बुखार हो सकता है। यही नहीं इसके अलावा आपको कमज़ोरी महसूस हो सकती है और चक्कर भी आ सकते हैं।
    • दवाइयों का गलत प्रभाव होने के कारण भी बुखार होने की संभावना रहती है। शरीर में दवा के रिएक्शन कर जाने से तबीयत खराब हो जाती है और बेचैनी होने लगती है।
    • अगर आपको स्किन रैश है तो आपको इसकी वजह से भी आपको बुखार हो सकता है।
    • धूम्रपान करने की वजह से फेफड़े संबंधित बीमारी हो जाती है जिसके चलते खांसी,जुकाम और बुखार आ जाता है।

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    बुखार के लक्षणों को ना करें नज़रअंदाज़(Symptoms of fever)

    लगातार बुखार (fever) की वजह से सिरदर्द और बदन दर्द होता है। कभी-कभी ये दर्द पूरे शरीर में भी होता है जिसकी वजह से बदन टूटने लगता है। इतना ही नहीं बुखार के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं।

    बुखार के लक्षणों को ना करें नज़रअंदाज़(Symptoms of fever)

    • बुखार होने की वजह से सर्दी, खांसी और जुकाम बढ़ जाता है।
    • बारिश में भीगने के कारण सर्दी लग जाती है जो बुखार को बढ़ावा देती है।
    • मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर के काटने से भी बुखार होता है।
    • दूषित पानी या भोजन का सेवन करने पर होने वाला टाइफाइड बुखार हो सकता है।
    • बासी खाना खाने से भी बुखार होने की संभावना रहती है।

    क्या आप जानते हैं भारत में हर साल एक लाख से अधिक लोग टायफाइड से ग्रस्त होते हैं। बीते कुछ सालों से 10 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे टायफायड का अधिक शिकार हुए हैं।

    बुखार के इलाज

    बुखार कई तरह से ठीक किया जा सकता है। ज़्यादातर लोग इसके लिए एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुखार को और भी अन्य तरीकों से ठीक किया जा सकता है जो हम आपको बताने जा रहें हैं।

    बुखार की आर्युवेदिक उपाय (Ayurvedic remedies for fever)

    हम अक्सर बुखार से बचने के लिए एलोपैथी दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन आर्युवेद में भी बुखार से मुक्ति पाने के लिए कुछ बेहतरीन नुस्खें मौजूद हैं।
    बुखार की आर्युवेदिक उपाय (Ayurvedic remedies for fever)

    • इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर आयुर्वेदिक काढ़ा बना सकते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में कुटी हुई सौंठ, तुलसी की पत्तियां, गिलोय का गूदा, चिरायता, नीम और पपीते के पत्तों को डालकर उबालें। एक चौथाई रह जाने पर हटा लें। इसे हल्का गुनगुना करके पीएं। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसे दिन में 3-4 बार जरूर लें।
    • एक मुट्ठी तुलसी के पत्तों और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें। इस पानी को हर 2 घंटे के अंतराल पर लें।
    • अदरक, लौंग और तुलसी की चाय को इस मौसम में नियमित तौर पर पीएं।
    • खांसी अधिक आने पर कालीमिर्च पाउडर, सेंधा नमक और शहद को मिलाकर ले सकते हैं। या छोटी पिप्पली पाउडर को शहद के साथ खाना भी बेहतर विकल्प है।

    बुखार से बचने के घरेलू उपाय ( Bukhar ke gharelu upay)

    वैसे तो बुखार रोकने के लिए मार्किट में कई दवाईयां उपलब्ध है लेकिन वह थोड़े समय के लिए ही असर करती हैं। आप बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए कुछ घरेलू उपायों का भी प्रयोग कर सकते हैं। नीचे आपको बुखार से मुक्ति पाने के कुछ घरेलू उपाय बताए गए हैं।

    बुखार से बचने के घरेलू उपाय ( Bukhar ke gharelu upay)

    • अगर आपको रात को बुखार आ जाए तो आप पान और अदरक के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पी सकते हैं। सुबह शाम इसके सेवन से बुखार चला जाएगा।
    • ज़्यादा जुकाम और सर्दी लगने पर तुलसी, शहद,मुलेठी और मिश्री का काढ़ा बनाकर पी लें। इसको पीने से आपको बुखार होगा तो वो भी उतर जाएगा।
    • गर्मी के मौसम में टायफायड होने पर लू लगने की वजह से बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए आप कच्चे आम को थोड़ा पकाने के बाद इसका रस निकालकर पी लें।
    • मौसम में बदलाव के कारण जो बुखार होता है उससे छुटकारा पाने के लिए तुलसी की चाय पीने से आराम मिलेगा। इसमें कुछ तुलसी की पत्तियां, काली मिर्च, थोड़ा सा अदरक डाल कर पीने से आपको बुखार नहीं आएगा। सुबह शाम इसका सेवन करने से टायफाइड जैसा बुखार भी ठीक हो जाता है।
    • बुखार से ग्रस्त लोगों को आराम करना चाहिए। इसके साथ ही खानपान का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। बुखार होने पर दूध, साबूदाना, चाय, मिश्री आदि हल्की चीजें खाएं। मिश्री का शर्बत, मौसमी का रस, सोडा वाटर और कच्चे नारियल का पानी जरूर पीये।
    • पानी खूब पीएं और पीने के पानी को पहले गर्म करें और उसे ठंडा होने के बाद पीये। अधिक पानी पीने से शरीर का जहर पेशाब और पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।
    • लहसुन की कली पांच से दस ग्राम तक काटकर तिल के तेल में या घी में तलकर सेंधा नमक डालकर खाने से सभी प्रकार का बुखार ठीक होता है।
    • तेज बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें तो बुखार उतर जाता है,और बुखार की गर्मी सिर पर नहीं चढ़ती है।
    • फ्लू में प्याज का रस बार-बार पीने से बुखार उतर जाता है,और कब्ज में भी आराम मिलता है।

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      बुखार की अंग्रेजी दवा (Allopathic medicine for typhoid)

      बुखार से बचने के लिए कुछ तुरंत असर करने वाली दवाएं भी मार्किट में उपलब्ध होती हैं। हम आपको कुछ ऐसी दवाईयों के नाम बताने जा रहे हैं जोे बुखार से जल्दी राहत देती हैं।

      बुखार की अंग्रेजी दवा (Allopathic medicine for typhoid)

      • एसपिरीन (aspirin) – इस दवा का प्रयोग सर्दी, जुकाम, खांसी और सिरदर्द जैसी परेशानियों से बचने के लिए किया जाता है। बुखार उतारने के लिए इसे बेहद प्रभावशाली माना जाता है।
      • केटोप्रोफेन (ketoprofen)-  सिरदर्द, जुकाम और बुखार तीनों के लिए ही लाभकारी मानी जाती है।
      • पैरासिटामोल (paracetamol)- बुखार में इस दवा का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है। इसे खाने के कुछ ही देर बाद बुखार उतरने लगता है।

      इस लेख में आपको बुखार से जुड़ी सारी समस्याएं और समाधान बताए गए हैं। साथ ही आपको आर्युवेदिक,एलोपैथी और घरेलू उपायों का भी सुझाव दिया गया है।

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