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स्पॉन्डिलाइटिस क्या होती है, इसके लक्षण, कारण और बचने के उपाय

7 मिनट में जानें
Written by Sonali

@ Health Expert

इस बदलती जीवनशैली के साथ-साथ लोगों में बीमारियों का घिराव ज्यादा देखने को मिल रहा है। हाल ही में, लोगों को एक ऐसी बीमारी की शिकायत हो रही है। जिससे वह अधिक परेशान हो रहे है। यह तो सब जानते हैं कि, अपना जीवन चलाने के लिए हर किसी को नौकरी करके काम करना पड़ता या फिर खुद का बिजनेस करके जीवन व्यापन करते हैं। कई तरीके है जिससे वह अपना जीवन चलाते हैं। ऐसे में बीमारी होना एक आम बात है, लेकिन यह बीमारी दर्दनाक होना काफी परेशानी वाली बात है। हर दूसरा इंसान अपने जीवन व्यापन के लिए कंप्यूटर पर 8 घंटे तक काम करता है। जिसकी वजह से उसको पीठ दर्द या रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत होने लगती है।

स्पोंडलाइटिस का अर्थ(Spondylitis Meaning in Hindi)

स्पोंडलाइटिस का अर्थ(Spondylitis Meaning in Hindi)

अगर यह दिक्कत किसी को हो जाए तो लंबे समय तक पीछा नहीं छोड़ती। जी हां, आज हम बात कर रहे हैं। स्पोंडलोसिस बीमारी की। जिसको आम भाषा में स्पोंडिलोसिस(Spondylitis) कहा जाता है। इस बीमारी का नाम दो यूनानी शब्दों से मिलकर बना है। इस बीमारी का नाम स्पॉन्डिल और आइटिस से मिलकर बना है। स्पॉन्डिल का मतलब है वर्टिब्रा और आइटिस का मतलब है सूजन। इसका अर्थ हुआ वर्टिब्रा यानि रीढ़ की हड्डी में सूजन की शिकायत को ही स्पॉन्डिलाइटिस कहा जाता है।

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स्पोंडिलोसिस के लक्षण(symptoms Of spondylosis)

  • इस बीमारी के दौरान पीड़ित की गर्दन या पीठ एकदम कड़ी हो जाती है। जिसकी वजह से उसे दर्द का एहसास होने लगता है।
  • अगर आपकी स्पाइनल कोर्ड अचानक दब गई है तो ब्लेडर या बाउल पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाता है।
  • इस बीमारी के दौरान दर्द आपकी उंगालियों से लेकर सिर तक हो सकता है। यहां तक की उंगलियां भी सुन्न होने लगती हैं। साथ ही कंधे, कमर के निचले हिस्से और पैरों के ऊपरी हिस्से में कमजोरी और कड़ापन आ सकता है।
  • स्पोंडिलोसिस की वजह से कई बार सीने में दर्द होने लगता है और मांसपेशियों में सूजन आने की संभावना भी बन जाती है।
  • यदि इस बीमारी के साथ-साथ आपको छींकने, खांसने और गर्दन में दर्द होने लगे तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है।
  • स्पोंडिलोसिस की वजह से आपका शरीरिक संतुलन खराब होने लगता है और समय के साथ-साथ समस्या गंभीर बन जाती है।
  • स्पोंडिलोसिस बीमारी सिर्फ दर्द तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि, इससे बुखार, थकान, उल्टी होना, चक्कर आना और भूख की कमी जैसे लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं।

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स्पोंडिलोसिस के कारण(Reasons Of Spondylosis)

संतुलित आहार खाना हर इंसान की जरूरत है। इसमें हर पोषक तत्वों का होना बेहद जरूरी है। जिससे आपके शरीर के हर अंग तक पोषक तत्व पहुंचें, लेकिन बिजी लाइफस्टाइल की वजह से हम इनपर ध्यान नहीं देते और हमारे गलत खान-पान और गलत लाइफस्टाइल की वजह से हमें इस बीमारी का सामना करना पड़ता है।

  • खाने में पोषक तत्वों को शामिल करें

खाने में पोषक तत्वों, कैल्शियम और विटामिन डी का होना अनिवार्य है, इनमें से अगर एक की भी कमी आपके शरीर में हुई तो आप इसका शिकार हो जाएंगें। जैसे आपके शरीर को विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है तो इससे आपके शरीर की हड्डियां कमज़ोर पड़ने लगेगी। यह स्पोंडिलोसिस होने का प्रमुख कारण होता है।

  • गलत तरीके से बैठना-उठना है खतरनाक

यदि आप गलत तरीके से बैठते-खड़े और गलत तरीके सोते हैं तो आपको स्पोंडिलोसिस जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

  • उम्र बढ़ने पर होती है समस्या

उम्र के बढ़ने के साथ यह बीमारी आपके शरीर को घेर लेती है। 40 साल के बाद इस बीमारी का होना आम माना जाता है।

  • अधिक मसालेदार चीज़ों का सेवन ना करें

यदि आप खाने में मसालेदार, ठंडी या बासी चीजों का सेवन करते हैं तो आपको स्पोंडिलोसिस हो सकता है।

  • लंबे समय तक ना करें ड्राइविंग

यह बीमारी होने पर लंबे समय तक ड्राइविंग करना खतरनाक हो सकता है।

  • अनियमित पीरिड्यस

महिलाओं को अनियमित पीरियड्स होना स्पोंडिलोसिस होने की वजह बन सकती है।

स्पॉन्डिलाइटिस के कारक(Causes Of Spondylitis)

  • इस बीमारी के दौरान पीड़ित को गर्दन में दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे करने में काफी दर्द महसूस होता है। स्पोंडिलोसिस की समस्या आमतौर पर स्पाइन यानि रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर डालती है। यह समस्या अचानक तब बढ़ती है जब रीढ़ की हड्डियां असामान्य तरीके से बढ़ने लगती है और वर्टेबट के बीच के कुशन में कैल्शियम की कमी होने लगती है। वहीं, हड्डी का अपनी जगह से सरकना भी दर्द की वजह बनता है।
  • अक्सर इस बीमारी के शिकार 40 की उम्र के महिला और पुरुष होते हैं, क्योंकि इस उम्र में कैल्शियम शरीर से कम होने लगता है, लेकिन बदलते लाइफस्टाइल की वजह से यह समस्या युवावस्था में होने लगी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समस्या का सबसे की मुख्य वजह है गलत पॉश्चर, जिससे मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा शरीर में हो रही कैल्शियम की कमी भी इसका दूसरा कारण बनती है।
  • एक दशक पहले के आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस बीमारी के मरीजों की संख्या तीन गुनी बढ़ी है। इस बीमारी से युवा अधिक ग्रस्त हैं और अधिक परेशान भी हैं। जो लोग आईटी इंडस्ट्री या बीपीओ में अधिक समय तक काम करते हैं और जो कंप्यूटर के सामने ज्यादा समय व्यतीत करते हैं ऐसे लोगों को यह समस्या बनी हुई है। अनुमानतः हमारे देश में हर सातवां इंसान गर्दन और कमर दर्द या जोड़ों के दर्द से जूझझ रहा है। जिससे राहत पाने के लिए वह तमाम दवाईयों और एक्सराइज का सहारा लेते हैं।

स्पोंडिलोसिस ट्रीटमेंट (Treatment Of spondylosis)

स्पोंडिलोसिस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद आप कई सावधानियों का ध्यान रखें, यदि आप इसका ट्रीटमेंट सही समय पर नहीं करेंगें तो आपकी यह समस्या लंबे समय तक के लिए बढ़ सकती है। कुछ आसान उपायों को फॉलो करके आप इसको कम कर सकते हैं।

  • संतुलित आहार खाएं

अपने रोज़ाना के आहार में पौष्टिक और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। वहीं, हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम से भरपूर चीज़ों का सेवन करें। साथ ही विटामिन डी से भरपूर चीज़ें खाएं।

  • चाय और कॉफी का पीना कम करें

लोगों को चाय और कॉफी पीने की आदत आम होती है। इसको बिना पीएं लोगों को स्फूर्ति महसूस नहीं होती। यदि आपको भी ऐसी आदत है और आप इस समस्या से घिर चुके हैं तो आपको चाय और कॉफी का सेवन कम करना होगा।

  • पैदल चलें

आजकल हम पैदल चलने से बचते हैं। कही जल्दी पहुंचना हो या फिर चलने में आलस आ रहा हो तो हम सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते है। हालांकि ऐसा करना हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है। डॉक्टर्स भी बताते हैं कि, पैदल चलना हर किसी के लिए लाभदायक साबित होता है। इससे बोन मास बढ़ता है और आप शरीरिक रुप से स्वस्थ रहते हैं।

  • व्यायाम करें

आपको कोई बीमारी हो या ना हो। सुबह का व्यायाम या योग आपको तमाम बीमारियों से बचाती है। अगर आप इस बीमारी से ग्रस्त हो गए तो आपके लिए रोज़ाना योगा और व्यायाम करना अनिवार्य है।

  • नर्म बिस्तर पर सोएं

स्पोंडिलोसिस होने पर आप हमेशा नर्म बिस्तर पर ही सोएं। किसी भी वजह से सख्त बिस्तर पर सोने की गलती ना करें, क्योंकि ऐसा करने से दर्द अधिक बढ़ जाएगा।

  • तकिये का इस्तेमाल ना करें

स्पोंडिलोसिस से पीड़ित लोग सोते वक्त गर्दन के नीचे तकिया और पैरों के नीचे तकिये लगाने की आदत से बचें।

स्पोंडिलोसिस होने पर योगा अवश्य करें( yoga for sondylitis)

योगा करने से आप कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। अगर आप स्पोंडिलाइटिस से परेशान हैं तो आप भी योगा करके इसके दर्द को कम कर सकते हैं।

  • सूर्य नमस्कार

स्पोंडिलोइटिस होने पर आप रोज़ सुबह उठकर सूर्य नमस्कार करने से आपको इस समस्या राहत मिलेगी। सूर्य नमस्कार करते वक्त शरीर कई तरह की मुद्राओं में मूवमेंट करता है। इससे शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी आती है, जोकि गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में लाभदायक है। इसे करने से आपको कमर दर्द,गर्दन दर्द और कंधों के दर्द से जल्द राहत मिलेगी।

  • मकरासन

इस समस्या को मकरासन से भी दूर किया जा सकता है। यह आसन इस बीमारी का सबसे फायदेमंद आसन है। इससे आपके शरीर की रीढ़ की हड्डी कुदरत आकार में बनी रहती है। यह एक्सरसाइज रीढ़ की नसों के लिए काफी बेहतरीन होती है। इससे गर्दन और कंधों के दर्द की समस्या दूर होती है।

  • मार्जरासन

इस आसन से आपकी रीढ़ की हड्डी फ्लेक्सिबल बनती है। इससे आपकी गर्दन, कमर और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है।

  • अर्ध नौकासन

इस आसन से आपको गर्दन,कंधों और कमर के दर्द से राहत मिलेगी। इससे आपके शरीर को कई तरह के लाभ भी मिलेगें। इसके अलावा इस आसन से खराब पाचन शक्ति, कॉन्सटिपेशन भी दूर होगा।

एंकीलोसिंग स्पोंडिलाइटिस के लिए एक्सरसाइज करें(ankylosing spondylitis exercise)

एंकीलोसिंग स्पोंडिलाइटिस में कमर दर्द होता है। सुबह उठने के बाद यदि यह कमर दर्द 30-45 मिनट तक लगातार हो या अकड़न महसूस हो और ऐसा 90 दिनों या अधिक समय तक होने लगे तो इसे एंकीलोसिंग स्पोंडिलाइटिस कहा जाता है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। यह बीमारी खासतौर से पुरुषों में देखी गई है। यह समस्या किशोरवास्था में 20 से 30 साल की उम्र के बीच हो सकती है।

भुजंगासन

यह आसन रीढ़ की हड्डी में दर्द के लिए काफी बेहतरीन होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, शरीर की रीढ़ की हड्डी फ्लेक्सिबल होना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हो तो कमर दर्द बढ़ने का खतरा होता है। इस आसन की मदद से आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या से राहत मिलेगी।

  • पॉश्चर स्ट्रेच

इसमें आप सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और स्ट्रेच करें। इसके बाद दोनों हाथों को उसी अवस्था में नीचे की ओर लाकर सीधे खड़े रहे। यह करीबन 5 बार ऐसा करें।

  • ट्रंक साइड स्ट्रेच

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप पहले बाएं तरफ हल्का-सा मुड़े फिर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद बाएं ओर खुद को हल्का-सा घुमाएं। इससे आपकी कमर पर असर पड़ेगा और जल्द ही रीढ़ की हड्डी के दर्द से निजात मिलेगी।

यदि आपको तमाम इलाज के बावजूद भी बीमारी से निजात नहीं मिल रही है तो आप हमारे दिए गए इन नुस्खों को अजमाकर समस्या से राहत पा सकते हैं।

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