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जानिए क्या है बवासीर के लक्षण, कारण और पाइल्स से बचने के उपाय

5 मिनट में जानें
Written by Sonali

@ Health Expert

पाइल्स जिसे हिंदी में बवासीर (piles) भी कहा जाता है। यह खतरनाक बीमारियों में से एक है। समय पर इलाज होने पर यह बीमारी ठीक हो जाती है, लेकिन इस पर ध्यान ना देने से आपकी बीमारी गंभीर रुप ले लेती है, इसलिए आज हम आपको पाइल्स के बारे में हर प्रकार की जानकारी देंगे, ताकि आप पाइल्स की समस्या से बच जाएं। यह खतरनाक बीमारी का रुप जब लेती है तब आप बिना ऑपरेशन के इससे निजात नहीं पा सकेंगें। तो चलिए जानते हैं आखिर पाइल्स होती कितने प्रकार की है।

जानिए क्या है बवासीर के लक्षण, कारण और पाइल्स से बचने के उपाय

  1. बवासीर/भगन्दर के लक्षण
  2. बवासीर होने के कारण
  3. बवासीर से बचने के उपाय

1. खूनी बवासीर

इसका नाम सुनकर ही रोंगटे से कांप जाते हैं। हालांकि, यह ज्यादा तकलीफदायक नहीं होती। इसमें मरीज़ को शौच के दौरान खून आता है। फिर टपके से आते है और सबसे भयानक समय तब होता है जब पिचकारी की तरह खून आना शुरु हो जाता है। वैसे खून आने के दौरान मरीज़ को दर्द नहीं होता। दरअसल, जिस जगह से मलत्याग किया जाता है उसके अन्दर मस्सा हो जाता है। जिसे बवासीर(piles) का नाम दिया जाता है। जो कि अन्दर की तरफ होता है फिर बाद में बाहर आने लगता है। शौच के बाद यह मस्सा खुद-ब-खुद अंदर चला जाता है। आखिरी स्टेज में हाथ से दबाने पर भी यह मस्सा अन्दर नहीं जाता है।

2. बादी बवासीर

बादी बवासीर के दौरान मरीज़ का पेट खराब हमेशा खराब रहता है उसको कब्ज़ और गैस की समस्या बनी रहती है। इसमें जलन, दर्द, खुजली, शरीर मै बेचैनी, काम में मन न लगना इत्यादि। इसमें आपको मल त्याग करने परेशानी होती है। इसमें खून भी आ सकता है। इसमें मस्सा अन्दर होता है। मल सख्त होने की वजह से मल त्याग करने वाली जगह छोटी पड़ जाती है और घाव बन जाता है और मल के साथ खून भी निकलता है। डॉक्टर्स अपनी भाषा में फिशर भी कहते हैं। जिससे असहाय जलन और पीड़ा होती है। ज्यादा पुरानी बवासीर होने पर इसे भगन्दर(piles meaning in Hindi) कहते है, जिसे इंग्लिश में फिस्टुला(piles meaning in English) कहते हें। इस दौरान मस्सा फोड़े की शक्ल में फटता, बहता और सूखता रहता है। कुछ दिन बाद इसी रास्ते से पखाना भी आने लगता है। सबसे खतरनाक समय वह होता है जब बवासीर आखिरी स्टेज होने पर वह कैंसर का रुप ले लेता है। जिसको रिक्टम कैंसर कहते हैं। जोकि, मरीज़ के लिए जानलेवा बन जाता है।

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    बवासीर/भगन्दर के लक्षण(Piles Symptoms)

    बवासीर के लक्षण (piles symptoms)जल्द पहचान में आ जाते है। अगर पेट की समस्या हमेशा आपके साथ बनी रहे तो एक बार डॉक्टर से मिलकर लक्षण के बारे में ज़रूर बताएं। हालांकि इस समस्या को लेकर कई लोग शर्माते हैं, लेकिन यह बीमारी जल्द ही जानलेवा बन जाती है। तो इसके लक्षण ज़रूर पहचान लें। दर्दनाक तरीके से रोज़ाना मल त्याग होना जिससे मलाशय या गुदे को चोट पहुंच सकती है।

    • मल त्याग के दौरान खून आना
    • गुदा से बलगम का स्राव निकलना
    • गुदे के पास दर्दनाक सूजन या गांठ और मस्से का होना।
    • गुदे पर खुजली और रुक-रुक के दर्द होना।

    बवासीर होने के कारण (Reason of Piles)

    बवासीर होने के कई कारण हो सकते है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए। किन गलत आदतों की वजह से आप इस भयानक बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

    • गर्भावस्था

    गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बवासीर होने की समस्या अक्सर हो जाती है। इस समय गर्भाशय का फैलाव होता है, यह बृहदान्त्र में नस पर धक्का बनाता है, जिससे इसमें सूजन हो जाती है।

    • बढ़ती उम्र

    बवासीर बच्चों या युवा में ना होकर 45 से 65 साल की उम्र के लोगों को हो जाती है।

    • पुरानी कब्ज

    इस दौरान अच्छे तरीके से पेट का साफ ना होना और कुछ भी खाते ही गैस बन जाना पुरानी कब्ज की पहचान है। इसी के साथ मल त्याग करने में तकलीफ आना। मल त्याग करने के दौरान दबाव डालना नसों के डिवाइडर पर अतिरिक्त भार डालता है। जिससे खून आने की समस्या होती है।

    • सिटिंग रिस्क

    लंबे समय तक एक ही पॉजिशन में बैठे रहना। इस समस्या का कारण बन सकता है। यह समस्या विशेष रुप से ड्राइविंग, टेलरिंग और आईटी के व्यवसायों वाले लोगों के साथ होती देखी गई है।

    • गुदा संभोग

    गुदा संभोग करना गलत है, यह भी बवासीर को बुलावा देता है। इसकी वजह से महिलाओं में बवासीर की समस्या ज्यादा देखी गई है। यह एक नया कारण बन सकता है।

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      बवासीर से बचने के उपाय(Piles Solution)

      बवासीर होने पर अगर आप जल्द ही इसका उपाय करना शुरु कर देते हैं तो आपको इस बीमारी की आखिरी स्टेज से नहीं गुज़रना पड़ेगा, इसलिए ऐसा होने पर आप भूलकर भी लापरवाही ने बरतें।

      • आहार में बदलाव

      सबसे पहले अपने खान-पान में बदलाव लाएं। तली,भूनी और बाहर के खाने-पीने को बिल्कुल बंद कर दें। रोज़ाना फ्रूट्स को अपनी डाइट में शामिल करें।

      • फाइबर खाएं

      फाइबर आपके पेट को साफ रखने में मदद करता है इससे आपको कब्ज़ होने की समस्या भी कम हो जाती है, जिससे बवासीर होने की संभावना भी नहीं बन पाती, इसलिए इसको रोज़ाना अपने आहार में शामिल करें। आपको यह सब सब्जियां, बीन्स, नट्स, जैविक उत्पाद, बीन्स, साबुत अनाज, बीज इत्यादि में मिल जाता है।

      • खूब पानी पीएं

      पानी शरीरिक बीमारियों से बचाव करने में सक्षम होता है। इससे आपको बवासीर होने की शिकायत नहीं होती। कब्ज़ होने की वजह से मल त्याग करने में परेशानी होती है, अगर आप पानी को अच्छी मात्रा में पीते हैं तो आपको इस समस्या से नहीं जूझझना नहीं पड़ेगा। इसलिए आप ठोस निर्वहन के दौरान कम तनाव में हो सकते हैं। मिट्टी के उत्पाद, जिनमें फाइबर होते हैं, इसके अतिरिक्त उनमें पानी होता है।

      • व्यायाम करना

      हर सुबह व्यायाम करने की आदत सभी को होनी चाहिए। इससे आप कई बीमारियों से बचें रहेंगें। सुबह उठकर 2 गिलास पानी पीकर। आधे घंटे तक टहलना। आपको बवासीर जैसी भंयकर समस्या से बचा सकता है। गैस बनाने वाले खाने का सेवन ना करें,खासतौर से रात के समय वह भोजन बिल्कुल ना खाएं जो आपको गैस बनाते हो। इस बात की जानकारी हर व्यक्ति को होती है उसको क्या खाने से दिक्कतें होती है, तो इसलिए आप खाना सोच-समझकर खाएं। खाना ही नहीं बल्कि आप अगर बाहर के खाने के शौकीन हैं तो आप उसको भी देखभाल कर खाएं।

      • बाथटब

      बवासीर होने के दौरान आप बाथटब में गर्म पानी डालकर करीबन 10-15 मिनट तक बैठें। यह बवासीर के दर्द, और जलन से आराम पाने का सबसे अच्छा इलाज है। डॉक्टर्स से संपर्क करें

      अगर बवासीर में आपको तमाम उपायों की वजह से आराम नहीं मिल पा रहा है तो देरी ना करते हुए आप डॉक्टर्स से तुरंत संपर्क करें।
      हम जानते हैं कि, बवासीर या भगन्दर एक भयानक और दर्दनाक बीमारी है, लेकिन अगर वक्त रहते इसका इलाज होना संभव हो जाए तो यह ज्यादा नहीं होती और अगर आप इसमें लापरवाही बरतें हैं तो आपके लिए यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

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