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जानते है त्वचा रोग(चर्म रोग) के प्रकार, लक्षण और उपाय के बारे में

5 मिनट में जानें
Written by Juli Kumari

@ Health Expert

अक्सर आपने देखा होगा की कुछ लोगों के चेहरे पर झुरिंया, दाग-धब्बे आदि रहते हैं। ये दाग-धब्बे देखने में तो खराब लगते ही हैं साथ ही छुटने के बाद ये त्वचा पर अपने निशान छोड़ जाते हैं। इसका कारण लिवर का ठीक ढंग से काम ना करना है। अगर आपकी त्वचा पर भी किसी तरह की समस्या होती है तो इसका अर्थ ये है कि आपका लिवर सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। क्योंकि लिवर ही हमारे शरीर के खून को साफ करता है। जिससे पाचन तंत्र ठीक रहता है और चेहरे भी चमकदार बने रहते हैं।

दाग-धब्बे के अलावा भी त्वचा पर कई तरह के रोग हो जाते है शायद आप इनके बार में नहीं जानते होंगे। तो आज हम आपको अलग-अलग तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं के बारे में बताएंगे जो कि इस प्रकार हैं।–

मुंहासे(Acne)

मुंहासे(Acne)

अक्सर मुंहासों की समस्या टीनएजर्स को ज़्यादा होती है लेकिन आजकल ये समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को आसानी से हो जाती है। आमतौर पर ये तब होता है जब हमारे चेहरे के पोर्स खुल जाते हैं या इसमें गंदगी और धूल-मिट्टी जमा हो जाती है। इसके अलावा मुंहासे होने का सबसे बड़ा कारण कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करना है क्योंकि ज़्यादा कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करने से ये चेहरे के पोर्स में जमा हो जाते हैं। जिसके कारण किल-मुंहासों की समस्या हो जाती है। ये होठों के किनारे, नाक, माथे आदि को ज़्यादा प्रभावित करते हैं।

इससे बचने के लिए आप कॉस्मेटिक्स का प्रयोग कम करें। और रात में चेहरे को अच्छी तरह साफ करके सोएं।

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छाले (Cold sore, bilister)

छाले (Cold sore, bilister)

छाले त्वचा पर होने वाले एक पीड़ादायक रोग हैं। जो अक्सर 5 से 7 दिनों तक चलता है। इतना ही नहीं छुटने के बाद ये चेहरे पर निशान छोड़ जाते हैं। ये द्रव्‍य से भरे फफोले मुंह के आस-पास हो जाते हैं। जिसके कारण खाना खाने, बोलने, यहां तक की मुंह खोलने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो ये 7 दिनों के अंदर ठीक होने लगते हैं। लेकिन यदि इनका सही देखभाल ना किया जाए तो ये गंभीर बीमारी में तब्दिल हो सकते हैं।

यदि आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए दवाइयों के इस्तेमाल की जगह प्राकृतिक देखभाल का सहारा लें।

अर्टिकेरिया (Hives)

अर्टिकेरिया (Hives)

हाइव्स एक बहुत ही आम रोग है ये किसी भी व्यक्ति को आसानी से हो सकता है। इस रोग के कारण शरीर पर हल्के गोल गुलाबी रंग के चकत्ते हो जाते हैं। जो उभरे हुए दिखाई पड़ते हैं। इन चकत्तों में तेज़ खुजली, जलन, लालिमा और दर्द आदि होते हैं। इतना ही नहीं इसके प्रभाव के कारण कभी-कभार त्वचा पर सूजन भी आ जाती है ।

आमतौर पर हाइव्स सूर्यप्रकाश, कीट डंक, और दवाओं के एलर्जी के कारण होता है। जो 1 से 2 हफ्ते तक चलता हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए आप ठंडे कपड़े से सिकाई कर सकते हैं। इसके अलावा समस्या ज़्यादा हो तो डॉक्टर को दिखाना बिल्कुल ना भूलें।

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    लेटेक्‍स एलर्जी (Latex allergy)

    लेटेक्‍स एलर्जी (Latex allergy)

    एलर्जी एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को अपने प्रभाव में ले सकती है। यहां हम लेटेक्स एलर्जी की बात कर रहे हैं तो आमतौर पर ये एलर्जी रबड़ की चीज़ों जैसे रबड़ के दस्ताने और कंडोम आदि के इस्तेमाल से होती है। इसके अलावा अगर आप किसी और के इस्तेमाल किए हुए रबड़ की चीज़ों का प्रयोग करते हैं तो इससे भी लेटेक्स एलर्जी होने का खतरा रहता है।
    लेटेक्स एलर्जी से बचने के लिए आप रबड़ की चीज़ों का प्रयोग ना करें।

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    एक्टिनिक केराटोस (Actinic keratosis)

    एक्टिनिक केराटोस (Actinic keratosis)

    एक्टिनिक केराटोस एक ऐसी एलर्जी है जो अक्सर सूरज के किरनों से पड़ने वाले प्रभाव के कारण होती है। इससे शरीर पर एक खुरदरा पैच बन जाता है। जो लोग ज़्यादा धूप के संपर्क में रहते हैं उनके कान, हाथ, होठ, गर्दन और पैर आदि इस एलर्जी के प्रभाव में आ जाते हैं। ये सूखे पपड़ीदार होते हैं जो छूटने के बाद अपने निशान छोड़ जाते हैं।

    एक्टिनिक केराटोस से बचने के लिए धूप में निकलने से बचें। और यदि आप धूप में जा भी रहे हैं तो ऐसे कपड़े पहने जिससे आपके हाथ और पैर पूरी तरह कवर हो जाएं।

    एक्जिमा (Eczema)

    एक्जिमा (Eczema)

    एक्जिमा भी एक तरह की एलर्जी है जो त्वचा पर होने के बाद दाद, खाज, खुजली आदि में तब्दिल हो जाते हैं। ये बहुत ही कष्टदाई होता है। क्योंकि इसके प्रभाव में पड़ने के बाद उस स्थान पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं जो हल्के लाल रंग के दिखाई देते हैं। एक्जिमा से प्रभावित स्थान पर इतनी खुजली होती है जिसे सहन कर पाना लगभग मुस्किल होता है। इतना ही नहीं प्रभावित स्थान पर खुजली कर देने से ये और भी स्वस्थ जगहों पर फैलने लगता है। ये रोग ज़्यादातर सर्दियों में होता है और गर्मियों में सही हो जाता है। ये एलर्जी दो तरह की होती है। एक सूखा और दूसरा गीला। सूखे अलर्जी में पपड़ी जैसी भूसी निकलती है और गीले से मवाद निकलता है।
    ऐसे में इस रोग से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

    रोजेशिया (Rosacea)

    रोजेशिया (Rosacea)

    रोजेशिया एक सामान्य सी बीमारी है जिसके कारण चेहरे पर लालिमा छा जाती है। आपने अक्सर देखा होगा कुछ लोगों के चेहर पर लालिमा छा जाती है। और लाल धब्बे भी हो जाते हैं। आमतौर पर ये एलर्जी 30 से ज़्यादा उम्र के लोगों में होती है। कभी-कभार तो त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते भी बनने लगते हैं। इतना ही नहीं इसके कारण आंखों में जलन और दर्द भी होने लगता है। अक्सर रोजेशिया होने का कारण आनुवंशिकता होती है लेकिन अक्सर साफ-सफाई की कमी, प्रदूषण, पर्यावरण के प्रभाव के कारण भी ऐसा हो जाता है।

    इसे रोकने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। साथ ही शराब का सेवन ना करें।

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