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गर्दन के दर्द से हैं परेशान, छुटकारा दिलाएंगे ये 5 योग आसन

3 मिनट में जानें
Written by Juli Kumari

@ Health Expert

आजकल इस व्यस्त जीवनशैली में गर्दन में दर्द की शिकायत होना आम बात है। आमतौर पर गर्दन के दर्द (neck pain) को सर्वाइकल पेन भी कहते हैं। ये गर्दन की हड्डियों और कार्टिलेज में खिंचाव और टूट-फूट के कारण होता है। इसके अलावा उम्रदराज लोगों में उम्र बढ़ने के कारण भी गर्दन में दर्द की समस्या हो जाती है। क्योंकि पूरानी चोट, लिगामेंट्स में कड़ापन, असुविधाजनक स्थिति में लंबे समय तक बैठना भी गर्दन दर्द की समस्या पैदा कर देता है।

गर्दन दर्द के लिए योगासन (Yogasan for neck pain in hindi)

गर्दन दर्द एक ऐसी परेशानी है जिससे पीड़ित होने के कारण दैनिक जीवन (Daily Life) के सभी काम रूक जाते हैं। इस असहनिय दर्द के कारण हमे गर्दन को आगे-पीछे घुमाने में भी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। वैसे तो गर्दन दर्द (neck pain) के लिए बाज़ार में कई तरह की दवाइयां और स्प्रे आदि उपल्बध है लेकिन दर्द जैसी परेशानी के लिए एलोपैथी दवाइयों (Allopathy medicines) का सेवन करना सेहत पर बूरा प्रभाव डालती है। इस तरह के दर्द को हम नियमित व्यायाम (work out) से भी ठिक कर सकते हैं तो आज हम आपको गर्दन दर्द के कुछ आसान योगासन (yogasan) बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं।

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  • शवासन (SHAVASAN)

इस आसन को करना बहुत आसान है। इसे शवासन इसलिए भी कहते हैं क्योंकि इस योगासन को करते समय शरीर मृत शव के समान हो जाता है। इसे करने के लिए ज़मीन पर सीधे स्थिर अवस्था में लेट जाएं। और अपने हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें। इसके बाद दोनों पैरों को थोड़ा खोल कर फैला लें। ध्यान रहे इस आसन को सभी आसनों के अंत में किया जाता है क्योंकि इसे करने से व्यायाम (yoga) के दौरान हुई थकान दूर होती है। साथ ही इस योग से गर्दन के पीछे होने वाले दर्द में आराम मिलता है।

  • बितिलासन (Bitilasan)

इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठें और हाथों को आगे की तरफ करते हुए काउ पोज़ (Cow pose) में आ जाएं। इस योगासन को करते समय आपका पूरा शरीर सीधा होना चाहिए। थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें। उसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। नियमित रूप से इस योग को करने से पीठ मजबूत होता है और गर्दन के दर्द से भी छुटकारा मिलता है।

  • मत्स्यासन (Matsyasan)

मत्स्यासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। और अपनी हथेलियों को कुल्हों के नीचे रखें। ध्यान रहे आपकी हथेली जमीन के संपर्क में होनी चाहिए। अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं। सिर को उसी स्थिति में रहने दें। 15 से 20 सेकंड के लिए इस स्थिति में बने रहें। उसके बाद सांस छोड़ते हुए पहले की अवस्था में वापस आ जाएं।

  • सेतुबंध आसन ( SETUBANDHASAN)

इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। और अपने घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ते हुए पैरों को ज़मीन पर मजबूती से चिपका लें। अब अपनी भुजाओं को शरीर के साथ ज़मीन पर सीधा करते हुए रखें। इसके बाद शरीर को ऊपर उठाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे की तरफ ले आएं। इस योगा को करते समय पैरों और कंधों पर अपने वज़न का संतुलन बनाए रखें। लगभग 1 मिनट तक इस योग को करें। इससे रीढ़ की हड्डी(Bone) और गर्दन में मजबूती आती है।

  • उस्त्रासन (Ustrasana)

ये योग देखने में तो आसान लगता है लेकिन करने में थोड़ा मुश्किल है। लेकिन ये बहुत असरदार योगासन है। इसे करने के लिए घुटने के बल ज़मीन पर बैठ जाएं। दोनों जांघों के बीच थोड़ी दूरी बना लें। अब धीरे-धीरे कमर को पीछे की ओर झुकाएं और अपने हाथों को भी पीछे लाकर एड़ी को पकड़ें। लगभग 30 से 40 सेकंड इस स्थिति में रहे उसके बाद शरीर को ढीला छोड़ दें।

ऊपर बताए गए सभी योगासन गर्दन दर्द के लिए बहुत कारगार व्यायाम हैं। इन्हे नियमित रूप से करने से शरीर के किसी भी इस्से में दर्द नहीं होता है। साथ ही पूरा दिन आप तरोताज़ा महसूस करेंगे।

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