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अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से करें ये 10 योगासन

6 मिनट में जानें
Written by Dr. Tassabur B.U.M.S

@ B.U.M.S

पुराने समय में योग ऋषि-मुनियों द्वारा मन की शुद्धि व शांति के साथ-साथ शरीर को चुस्त-दुरूस्त रखने के लिए किया जाता था। आज के समय में भी कई लोग योग की मदद से अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की कोशश करते हैं जिससे यह पता चलता है कि आज भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है। आज के युग में भी लोग योग को स्वस्थ रहने का एक अच्छा साधन मानते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि योग शरीर को सभी रोगों से दूर रखता है। इतना ही नहीं जो व्यक्ति रोज़ाना सुबह योग करता है उसके शरीर में ताउम्र किसी भी तरह के रोग नहीं लगते हैं।

ये योग दिलाएंगे हर रोग से छुटकारा

योग से दर्द और पाचन क्रिया से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं रहती है और आपकी पाचन शक्ति मजबूत है तो आप निरोग रह सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको स्वस्थ रहने के लिए कुछ योगासन बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं-

1.ताड़ासन

ताड़ासन

इस आसन को करने के लिए पंजों के बल खड़े होकर शरीर को सीधे रखें व दोनों हाथों को ऊपर लेजाकर एक दूसरे में लॉक कर लें। और हथेलियों को ऊपर आसमान की तरफ करें। इस अवस्था में गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें। और कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें। फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस योग को ताड़ासन इसलिए कहते हैं क्योंकि इसे करते समय शरीर ताड़ के पेड़ के समान लगता है।

लाभ- यह योग बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है। इससे बच्चों का शारीरिक विकास होता है। ताड़ासन को नियमित रूप से करने से घुटने, टखने और पैरों की मांसपेशियों में मजबूती आती है। इतना ही नहीं इस आसन से शरीर के कई रोग जैसे छाती में दर्द और पेट में दर्द आदि से राहत मिलता है।

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    2.भुजंगासन

    भुजंगासन

    भुजंगासन को करने के लिए किसी हवादार जगह पर एक चटाई डालें व पेट के बल लेट जाएं। और दोनों हाथों की हथेलियों को ज़मीन पर लगा लें। अब अपने पैरों को सीधा करके माथे को ज़मीन पर लगाएं। धीरे-धीरे लंबी सांस लें और माथे को ऊपर की तरफ उठाएं। ध्यान रहे इस स्थिति में ठोड़ी को ज़मीन से सटा कर रखें। और गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ें। 3 से 4 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। अक्सर इस आसन को करने के बाद थकान महसूस होने लगती है। तो इस स्थिति में आप शवासन कर सकते हैं। इससे आपको थकान में राहत मिलेगी।

    लाभ- यह आसन महिलाओं के लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी है। क्योंकि इसे करने से महिलाओं को महावारी के समय होने वाले दर्द में राहत मिलता है। इसके अलावा ये आसन ज़्यादा देर तक एक ही अवस्था में बैठ कर काम करने वाले व्यक्ति के पीठ दर्द, कमर दर्दपेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है।

    3.उष्ट्रासन

    उष्ट्रासन

    इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं। शरीर को सीधा रखते हुए दोनो हाथों से ऐड़ियों को पकड़ें। अब पेट को ऊपर उठाएं और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखते हुए पीछे की तरफ झुकाएं। कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें।

    लाभ- उष्ट्रासन पेट दर्द गैस, कब्ज़ आदि की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा सर्वाइकल, पिंडलियों, पैरों, कंधे, के दर्द को दूर करने में भी मदद करता है।

    4.धनुरासन

    धनुरासन

    इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और बाजुओं को शरीर के पास बराबर में ही रखें। अब दोनों टांगों को मोड़कर अपने टखनों को हाथों से पकड़ें। और धनुष का आकार बना लें। ऐसा करते समय नाभी को ज़मीन के समांनतर रखें। शरीर के अगले हिस्से को ऊपर उठाकर आसमान की तरफ देखने की कोशिश करें। ध्यान रहे इस योग को करते समय शरीर पर ज़्यादा जोर ना डालें।

    लाभ- धनुरासन के कई फायदे हैं। इसे करने से रीढ़ की हड्डियों में लचीलापन आता है। साथ ही यदि आप नियमित रूप से इसे करते हैं तो कमर, पीठ व गर्दन दर्द में भी आराम मिलता है।

    5.मेरूदंड

    मेरूदंड

    इस योग को करने के लिए सामने की तरफ बैठकर दोनों घुटनों को मोड़ें। और दोनों पैरों के बीच थोड़ा फासला बनाएं। अब दाएं हाथ से दाएं पैर का अँगूठा पकड़ें और बाएं हाथ से बाएं पैर का। लंबी सांस ले व छोड़ें। कुछ देर के लिए इसी अवस्था में बने रहें।

    लाभ- इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द, गर्दन दर्द और मांसपेशियों में सूजन आदि की समस्या खत्म होती है।

    6.गोमुखासन

    गोमुखासन

    इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक दरी पर बैठ जाएं। अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें। दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर रखें। अब दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर उसे कंधे के ऊपर की ओर लेकर जाएं। उसके बाद बाएं हाथ को पीठ के पीछे से लेकर दाहिने हाथ के पंजें को पकड़ लें। इस अवस्था में गर्दन और कमर को सीधा रखें।

    लाभ- यह आसन फेफड़ों की शक्ति को बढ़ाता है। जिससे शरीर में सांस संबंधी कोई रोग नहीं होता। इतना ही नहीं इससे गठिया के दर्द में भी आराम मिलता है।

    7.शवासन

    शवासन

    यह सबसे आसान योग है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। और शरीर को बिल्कुल ढीला रखें। ध्यान रहे इस स्थिति में शरीर में किसी भी तरह का तनाव ना हो। अब धीरे-धीरे लंबी सांस लें व छोड़ें। रोज़ाना लगभग 5 से 10 मिनट तक इस आसन को करें।

    लाभ- यह योग व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, आदि से दूर रखता है। इससे शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करने लगते हैं।

    8.नमस्कारासन

    नमस्कारासन

    नमस्कारासन करने के लिए सबसे पहले अपने कंधो को ढीला छोड़ें। और अपने घुटनों को मोड़े। अब दोनों हाथों को पीछे की ओर लेजाकर हथेलियों को आपस में जोड़कर रखें। इस आसन को करते समय सांस को लेते और छोड़ते रहें।

    लाभ- इसे करने से आपके कंधे सुचारू रूप से काम करेंगे। इतना ही नहीं रोज़ाना ऐसा करने से कंधे में किसी भी तरह की समस्या नहीं आती है।

    9.गरुड़ासन

    गरुड़ासन

    इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ताड़ासन की मुद्रा में आ जाएं और अपने घुटनों को मोड़ें। अब अपने बाएं पैर को ऊपर की ओर उठाकर दाएं पैर के ऊपर घुमाएं। इसके बाद दाएं हाथों को बाएं हाथों के साथ क्रॉस करके चेहरे के सामने रखें। कुछ देर बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।

    लाभ- इस आसन से पीठ का दर्द व सर्वाइकल की समस्या दूर होती हैI साथ ही अगर आप ज़्यादा मेहनत वाला कोई काम करते हैं तो इस आसन से आपके थकान की समस्या भी दूर होती है।

    10.वज्रासन

    वज्रासन

    वज्रासन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं और अपने हाथों को घुटनों के ऊपर रखें। इस स्थिति में सांस लेते व छोड़ते रहें। कुछ देर तक इसी अवस्था में बने रहें।

    लाभ- यह आसन गठिया के रोगी के लिए रामबाण है। क्योंकि नियमित रूप से इस योग को करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है। इस आसन की एक खास बात ये भी है कि इसे खाना-खाने के बाद भी किया जा सकता है।

    योग से हर रोग को दूर किया जा सकता है। यदि आप भी किसी दर्द की समस्या से झूझ रहे हैं। तो ऐसे में आप ऊपर बताए गए योग की सहायता से स्वस्थ हो सकते हैं।

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