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गठिया (Arthritis) के लक्षण, कारण, बचाव, दवा, और आर्युवेदिक उपचार

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Written by Pooja Sharma

@ Health Expert

 

अर्थराइटिस क्या है?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि अर्थराइटिस आख़िर है क्या? वैसे तो अर्थराइटिस एक आम बिमारी है। पर लोंगों को इसे समझने में अक्सर परेशानी होती है। अर्थराइटिस कोई एक बिमारी नहीं है। आमतौर पर इसे जोड़ो के दर्द की बिमारी कहा जाता है। अर्थराइटिस 100 से भी ज़्यादा प्रकार से भी होने वाली बिमारी है। पुरूषों की तुलना में यह महिलाओं में अधिक पाई जाती है। अर्थराइटिस होने पर ज़ोड़ो में दर्द , सूजन , अकड़न आदि लक्षण पाएं जाते है। इसके लक्षण, कारण और उपाय सब इस लेख में बताएं गए हैं।

अर्थराइटिस के कारण

किसी हड्डी का दूसरी हड्डी से रगड़ खाने पर दर्द , सूजन और अकड़न होने लगती है। थोड़े समय बाद दर्द सहने की शक्ति खत्म होने लगती है। इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं।

  • चोट लगना- कई बार ऐसा होता है कि हमें किसी घटना के दौरान गुप्त चोट लग जाती है। चोट में दर्द होने के कारण धीरे- धीरे सूजन होने लगती है। चोट को नज़रअंदाज़ करने से चोट का घाव बढ़ने लगता है।
  • असाधारण पाचनतंत्र- शरीर की आधी बिमारियां पेट से जुड़ी होती है। ज़्यादा मीठा या तला खाने से पाचन शक्ति कम हो जाती है। इसके कारण आपकी आयु घटने लगती है। दर्द सहने की क्षमता कम हो जाती है।
  • इनफैक्शन- किसी पुरानी चोट के जख्मों के रह जाने के कारण इनफैक्शन बनने लगता है। जिससे घठिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

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मुलेठी से पाएं अर्थराइटिस के दर्द से छुटकारा

बढ़ती उम्र के लोगों में अर्थराइटिस एक आम बीमारी है इसके कारण शरीर के सभी जोड़ों में दर्द जैसी समस्या हो जाती है। इसके साथ ही इससे जोड़ों में सूजन, दर्द, जकड़न और उठने बैठने में समस्या होने लगती है। जिससे दैनिक जीवन अस्थ व्यस्थ हो जाता है। ऐसे में आज हम आपके लिए अर्थराइटिस से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं। जिसके इस्तेमाल से आप अर्थराइटिस के दर्द से निजात पा सकेंगे।

अर्थराइटिस के लक्षण

किसी भी रोग के होने से पहले अगर उसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो उस रोग का आसानी से उपचार किया जा सकता है। हम आपको अर्थराइटिस के होने से पहले के कुछ मुख्य लक्षण बताने जा रहे हैं।

  1. आपको पीठ, जोड़ों, या मांसपेशियों में दर्द होने लगेगा।
  2. प्रभावित मांसपेशियों में कठोरता और सूजन आने लगती है।
  3. ज़्यादा काम ना करने के बावजूद भी आपको थकान महसूस होगी।
  4. आपकी त्वचा पर हल्की रेडनेस(लालपन) होने लगेगी।
  5. उंगलियों और जोड़ों में सूजन आना अर्थराइटिस का एक बड़ा लक्षण है।
  6. त्वचा पर शारीरिक विकृति, पिन और सुइयों की सनसनी है।

अर्थराइटिस से बचाव के घरेलू उपचार

वैसे तो अर्थराइटिस का नियमित इलाज ही एक अच्छा विकल्प है। लेकिन कुछ आसान घरेलू उपचारों से भी आप इसके दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। नीचे दिए गे कुछ घरेलू उपचार आपको अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगें।

  • पानी पीएं

अर्थराइटिस यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होता है। इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं। ये यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है। और आपको जीतना अधिक पेशाब होगा उतना ही दर्द में आराम मिलेगा।

  • अश्वगंधा का सेवन

आमलकी, अश्वगंधा और शतावरी को मिलाएं और इसका चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को रोज़ाना सुबह पानी के साथ खाएं। इससे अर्थराइटिस के दर्द में आराम मिलता है।

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  • अरंडी का तेल

अरंडी के तेल की मालिश से किसी भी तरह के दर्द में आराम मिलता है। यदि आप अर्थराइटिस के शिकार हैं और आपके जोड़ों में दर्द रहता है तो ऐसे में अरंडी के तेल से जोड़ों की मालिश करें।

  • मुलेठी का इस्तेमाल

बाजार से सूखी मुलेठी लाकर इसे पानी मे भीगा दें। और सुबह इसके पानी को पीएं। इससे आपको जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा।

  • लहसुन का सेवन करें

जो भी व्यक्ति अर्थराइटिस का शिकार होता है उसके जोड़ों में अक्सर दर्द की शिकायत रहती है। ऐसे में लहसुन आपके लिए बहुत फायदेमंद है। लहसुन के इस्तेमाल के लिए सबसे पहले लहसुन के रस को निकालकर इसे कपूर में मिलाएं और इससे जोड़ों की मालिश करें।

  • गर्म सिकाई करें

दर्द और चोट आदि के लिए गर्म सिकाई एक रामबाण इलाज है। आर्थराइटिस के दर्द में भी गर्म सिकाई बहुत फयदेमंद है। इसके लिए एक बाल्टी में गर्म पानी डालें और इसमें सूती कपड़ा डालकर दर्द से प्रभावित जगह की सिकाई करें। ये दर्द में आराम दिलाएगा।

  • नींबू का इस्तेमाल

नींबू के रस को निकालकर जोड़ों की मसाज करें। इसके इस्तेमाल से सूजन व जोड़ों की आवाज़ खत्म होती है।

  • एलोविरा का उपयोग

अर्थराइटिस के मरीज को एलोवेरा का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। इसके प्रयोग से जोड़ों की सूजन खत्म होती है। इसके लिए इलोविरा को काटकर उसके अंदर के जेल को निकाल लें और दर्द पर लगाएं। रोज़ाना ऐसा करने से आपको अर्थराइटिस के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

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    अर्थराइटिस के आर्युवेदिक उपचार

    अर्थराइटिस खास तौर से जोड़ों में होने वाली वह समस्या है, जो दर्द के लिए जिम्मेदार होती है। आर्युवेद के अनुसार जोड़ों में दर्द इसलिए होता है, क्योंकि जोड़ों में टॉक्सिन यानी जहरीले पदार्थ जमा हो जाते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक अर्थराइटिस के उपचार में सबसे पहला कदम कोलन विषविहीन करना होता है, क्योंकि वहां सड़ रहे तत्व ही रक्त के जरिए जोड़ों तक पहुंचते हैं और समस्या पैदा करते हैं।

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    अर्थराइटिस से बचाव

    अर्थराइटिस व्यक्ति के जोड़ों, आंतरिक अंग और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बीमारी आजीवन रहने वाली है, लेकिन अपने शरीर में कुछ बदलाव लाकर आप अर्थराइटिस के तीव्र दर्द को कम कर सकते हैं।

    • अपना वज़न कम रखें क्योंकि ज़्यादा वज़न से आपके घुटने तथा कूल्हों पर दबाव पड़ता है।
    • कसरत तथा जोड़ों को हिलाने से भी आपको मदद मिलेगी। जोड़ों को हिलाने में आप डॉक्टर या नर्स भी आपकी मदद कर सकते हैं
    • समय−समय पर अपनी दवा लेते रहें। इनसे दर्द और अकड़न में राहत मिलेगी।
    • सुबह हल्के गर्म या गुनगुने पानी से नहाएं।
    • डॉक्टर से समय−समय पर मिलते रहें।

    इस लेख से आपको अर्थराइटिस के कारण के साथ-साथ उसके बचावों के बारे में बताया गया है। अगर आपको बताए गए उपायों से फर्क महसूस नहीं होता है तो आप डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

     

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