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पंचकर्म अपनाने से पहले हो जाएं सावधान, हो सकते हैं कई नुकसान

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Written by Ritika

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आजकल लोगों का रुख फिर से आयुर्वेद की तरफ बढ़ने लगा है। इसी बीच आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति यानी पंचकर्म के प्रति भी लोगों का रूझान बढ़ा है। पंचकर्म एक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें पांच प्रकार के विशेष कर्म युक्त होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते है। ये पद्धति दीर्घकालिक रोगों से मुक्ति दिलाने में समर्थ होती है। यही कारण है कि इस विशेष चिकित्सा पद्धति पर वर्षों से लोगों का अटूट विश्वास रहा है। इसी विश्वास की बदौलत अब देशभर में पंचकर्म केंद्र भी खूल रहे हैं, जहां जाकर लोग अपनी नसों की सफाई कराते हुए बीमारियों से छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं। ये चिकित्सा पद्धति मूल रूप से आयुर्वेद से जुड़ी हुई है। पंचकर्म के फायदों के बारे में आमतौर पर बात होती है मगर पंचकर्म के नुकसान भी कई हो सकते है। पंचकर्म के नुकसान पर आमतौर पर लोगों का ध्यान केंद्रित नहीं होता है। कई खास परिस्थितियों में पंचकर्म से नुकसान होने के बाद कई बार मरीज का पद्धति पर भरोसा भी उठ जाता है।

पंचकर्म के बारे में जानें सबकुछ यहां

  1. जानें क्या है पंचकर्म (Know what is Panchkarma)
  2. सभी के लिए नहीं है पंचकर्म (Know who can use Panchkarma)
  3. पंचकर्म के नुकसान कर सकते हैं परेशान (Know disadvantages of Panchkarma)
  4. ये लोग न अपनाएं पंचकर्म चिकित्सा (These people should avoid Panchkarma)
  5. पंचकर्म के नुकसान से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय (Avoid disadvantages of Panchkarma)
  6. इन नियमों का करें पालन (Follow these rules)

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    जानें क्या है पंचकर्म (Know what is Panchkarma)

    जानें क्या है पंचकर्म (Know what is Panchkarma)

    पंचकर्म का आयुर्वेद में अहम रोल है। सरल भाषा में पंचकर्म वो प्रक्रिया है जिसमें शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। विषाक्त पदार्थ टॉक्सिक एलिमेंट्स शरीर से बाहर निकलने के बाद शरीर अधिक ऊर्जायुक्त हो जाता है। पंचकर्म के उपयोग से व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ भी सुधरता है। आयुर्वेद के अनुसार पंचकर्म चिकित्सा पद्धति के जरिए मुख्य रूप से फेंफड़े मूत्राशय, पसीने की ग्रंथि, आदि से विषाक्त पदार्थ बाहर निकले जाते है। मूल रूप से पंचकर्म में वमन, विरेचन, नस्य, रक्तमोक्षण और अनुवासनावस्ती यानी कुल पांच कर्मों का समायोजन होता है। ये पांचों पद्धतियां अलग अलग बीमारियों में मददगार होती है। हालांकि इन पद्धतियों के जरिए बीमारी की जड़ तक पहुंचने से पहले जानना जरुरी है कि मरीज उस योग्य है या नहीं। यानी मरीज के स्वास्थ इतिहास की जानकारी होना आवश्यक है अथवा इस इलाज से बीमारियों में होने वाले लाभ की जगह पंचकर्म के नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं।

    इसे भी पढ़े- पिचू थेरेपी

    सभी के लिए नहीं है पंचकर्म (Know who can use Panchkarma)

    सभी के लिए नहीं है पंचकर्म (Know who can use Panchkarma)

    पंचकर्म चिकित्सा पद्धति काफी असरदार तो है मगर इसका उपयोग हर व्यक्ति पर नहीं किया जा सकता है। इसे अपनाने से पहले व्यक्ति को अपने शरीर, आयु, ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में जानकारी होनी चाहिए। पंचकर्म अपनाने से पूर्व चिकित्सीय सलाह आवश्यक है ताकि पंचकर्म के नुकसान से बचाव हो सके।

    पंचकर्म के नुकसान कर सकते हैं परेशान (Know disadvantages of Panchkarma)

    पंचकर्म के नुकसान कर सकते हैं परेशान (Know disadvantages of Panchkarma)

    पंचकर्म चिकित्सा पद्धति को अपनाने वालों को कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता है। इन नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में पंचकर्म के नुकसान भी देखने को मिल सकते है। इन नियमों का पालन नहीं करने पर पंचकर्म चिकित्सा पद्धति का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है।

    ये लोग न अपनाएं पंचकर्म चिकित्सा (These people should avoid Panchkarma)

    ये लोग न अपनाएं पंचकर्म चिकित्सा (These people should avoid Panchkarma)

    • पंचकर्म चिकित्सा पद्धति वैसे तो हर व्यक्ति के लिए उपयोगी सिद्ध होती है। मगर कुछ खास परिस्थितियों में इस पद्धति को अपनाने से व्यक्ति को बचना चाहिए। मसलन मासिक धर्म के दौरान महिलाएं इस पद्धति को ना अपनाएं।
    • प्रसव के बाद या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी पंचकर्म चिकित्सा नहीं अपनानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी पंचकर्म चिकित्सा नहीं अपनानी चाहिए। इस पद्धति को अपनाने से सेहत को नुकसान हो सकता है।
    • पंचकर्म चिकित्सा पद्धति के नुकसान से बचने के लिए फेफडों के कैंसर या एड्स जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को नहीं अपनानी चाहिए।
    • ओबेसिटी यानी अत्यधिक मोटापा और अत्यधिक कमजोर व्यक्ति को भी पंचकर्म चिकित्सा पद्धति अपनाने से परहेज करना चाहिए। ऐसी स्थिति में पंचकर्म अपनाने से नुकसान हो सकता है।
    • पंचकर्म आयुर्वेदिक इलाज हाई बीपी के मरीज और दिल के मरीज भी ना अपनाएं। ऐसे मरीजों को पंचकर्म के नुकसान के तौर पर गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
    • किसी अन्य संक्रमण से ग्रसित मरीज को भी पंचकर्म चिकित्सा नहीं करानी चाहिए। ऐसे मरीजों को चिकित्सीय सलाह के बाद ही पंचकर्म की ओर रुख करना चाहिए। बिना चिकित्सीय सलाह या निगरानी इस चिकित्सा पद्धति को अपनाना पंचकर्म के नुकसान से रूबरू करा सकता है।

    इसे भी पढ़े –Thalam Treatment

    पंचकर्म के नुकसान से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय (Avoid disadvantages of Panchkarma)

    पंचकर्म एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है जिसकी शुरुआत से पूर्व कुछ आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इसकी शुरुआत से पूर्व दो प्रक्रियाएं होती है, जिसे पूरा करना जरूरी होता है। इसे पूरा करने से इसका पूर्ण लाभ तो नहीं मिलेगा मगर पंचकर्म के नुकसान उठाने पड़ सकते है। पंचकर्म की पहली प्रक्रिया है ऑयलेशन, जिसमें मरीज के शरीर पर तेल लगाया जाता है। इसके बाद दूसरी प्रक्रिया होती है फॉर्मेंटेशन जिसमें शरीर से पसीना निकाला जाता है।

    जानें ऑयलेशन के बारे में

    ऑयलेशन प्रक्रिया में शरीर पर तेल लगाया जाता है। शरीर पर तेल की मालिश से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकाले जाते है। पंचकर्म के नुकसान से बचने के लिए इस पहली प्रक्रिया को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।

    फॉर्मेंटेशन प्रक्रिया भी है महत्वपूर्ण

    ऑयलेशन की प्रक्रिया के बाद फॉर्मेंटेशन की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया में विषाक्त पदार्थ पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकलते है। इन दोनों प्रक्रियाओं को पूरा ना करने या कोताही बरतने पर पंचकर्म के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं जिससे मरीज की परेशानी भी बढ़ सकती है।

    इन नियमों का करें पालन (Follow these rules)

    इन नियमों का करें पालन (Follow these rules)

    • पंचकर्म चिकित्सा पद्धति अपनाने के दौरान मरीज को सिर्फ गर्म पानी का इस्तेमाल करना चाहिए, चाहे वो पीने के लिए हो, नहाने या किसी अन्य कार्य के लिए हो। पंचकर्म चिकित्सा पद्धति अपनाने के दौरान ठंडे पानी के उपयोग से दूर रहना चाहिए।
    • कई लोगों को दिन में कुछ समय के लिए आराम करने या सोने की आदत होती है। पंचकर्म चिकित्सा पद्धति अपनाने के दौरान दिन में सोने से परहेज करना चाहिए ताकि पंचकर्म के नुकसान से बचा जा सके।
    • पंचकर्म अपनाने के दौरान जल्दी सोने की आदत डालनी चाहिए। देर रात को फोन पर व्यस्त रहने या टीवी देखने से बचना चाहिए। देर तक जागने से पंचकर्म के नुकसान हो सकते है।
    • पंचकर्म चिकित्सा पद्धति कराते समय हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए। इस दौरान मुश्किल से पचने वाले किसी भोजन का सेवन न करें।
    • चिकित्सा पद्धति का पूर्ण लाभ लेने के लिए तनाव से दूरी बनाएं।

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