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थलम थेरेपी से दूर होगा सिरदर्द, जानें प्रति सेशन की कीमत

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Written by Ritika

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भागदौड़ भरी जिंदगी, अत्यधिक काम, तनाव गर्मी जैसे कई कारणों से सिरदर्द की समस्या होती है। वहीं माइग्रेन , हाइपरटेंशन, अनिद्रा आदि समस्याओं से भी लोग बड़ी संख्या में जूझ रहे है। ऐसे में जरुरी है कि इन छोटी छोटी परेशानियों का समय पर पता लगाकर इलाज किया जाए ताकि आने वाले भविष्य में ये बड़ी परेशानी का कारण ना बनें।
वैसे तो सिरदर्द होना आम है मगर बार बार सिरदर्द होने पर सचेत होना चाहिए क्योंकि ये किसी अन्य बीमारी की ओर भी संकेत कर सकता है। सिर दर्द को लंबे समय तक नजरअंदाज करने से ये बड़ी औऱ गंभीर समस्या का रूप धारण कर सकता है। वहीं सिर दर्द, स्ट्रेस या माइग्रेन जैसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को थलम (Thalam) प्रक्रिया अपनानी चाहिए। थलम (Thalam) एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है जिसके तहत सिर से संबंधित कई बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके जरिए तनाव, सिरदर्द, हाइपरटेंशन, माइग्रेन जैसी कई परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। इस थेरेपी की खासियत है कि ये पूर्ण रुप से आयुर्वेदिक है। इस थेरेपी की मदद से सिर से संबंधित कई समस्याओं को दूर करने में सफलता मिलती है। सिर की समस्याएं ठीक होने के साथ ही ये शरीर को भी कई तरह से लाभ देता है।

थलम (Thalam) के बारे में जानें सब

  1. जानें क्या है थलम (Thalam)
  2. ऐसे की जाती है थलम (Thalam) प्रक्रिया
  3. थलम (Thalam) थेरेपी के होते हैं कई लाभ
  4. थलम (Thalam) थलम (Thalam) के नुकसान
  5. बरतनी चाहिए ये सावधानियां

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    जानें क्या है थलम (Thalam)

    जानें क्या है थलम (Thalam)

    थलम (Thalam) एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है, जिसका मूल अर्थ एकत्रित करना होता है। इस थेरेपी में व्यक्ति के सिर पर खास औषधियों के मिश्रण से तैयार लेप को लगाया जाता है। ये लेप विशेष तरीके से तैयार किया जाता है। इस लेप की मदद से सिर से संबंधित समस्याओं को दूर किया जाता है। आयुर्वेद में वर्षों से इस्तेमाल हो रही इस थेरेपी की मदद से अनिद्रा, अवसाद (स्ट्रेस) चिड़चिड़ापन से राहत मिलती है। ये थेरेपी मस्तिष्क के कार्य करने की प्रक्रिया में भी सुधार करती है। रोजमर्रा के जीवन में होने वाली परेशानियों के कारण इन दिनों हर व्यक्ति किसी ना किसी तरह के अवसाद से घिरा हुआ है। ऐसे में ये थेरेपी काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। इसके अलावा इस थेरेपी में ऐसी जड़ी बुटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो सर्दी, साइनसाइटिस और गर्भाशय में दर्द की समस्या का इलाज बेहद प्रभावी रूप में करती है।

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    ऐसे की जाती है थलम (Thalam) प्रक्रिया

    • आयुर्देविक थेरेपी थलम (Thalam) के लिए सबसे पहले जरुरी जड़ी बूटियों को हर्बल तेलों के साथ उबाला जाता है, जिससे जड़ी बूटियों का सारा सत्व इसमें आ जाता है। ऐसे में औषधीय मिश्रण का लेप तैयार किया जाता है। इस हर्बल लेप को व्यक्ति के सिर पर लगाया जाता है।
    • लेप को लगाने के बाद औषधीय आयुर्वेदिक तेल को माथे पर प्रवाह के साथ लगाया जाता है। इस थेरेपी से नर्वस सिस्टम और मानसिक विकारों से संबधित समस्याओं से निजात पाने में लाभ मिलता है।
    • ये लेप सिर पर तकरीबन 20 मिनट के लिए रखा जाता है।
    • कुछ गंभीर मामलों में औषधीय लेप में खास चूर्ण मिलाकर सिर की चोटी पर लगाकर लगभग 20 से 45 मिनट के लिए छोड़ा जाता है। ये लेप सिर में पड़ने वाले दबाव और दर्द को कम करता है।

    थलम (Thalam) थेरेपी के होते हैं कई लाभ

    थलम (Thalam) थेरेपी के होते हैं कई लाभ

    • थलम (Thalam) थेरेपी उपयोग करने वाले हर व्यक्ति पर पहली ही बार से सकारात्मक असर करने लगती है। इस थेरेपी की मदद से तनाव, सिरदर्द, थकान को दूर करने में मदद मिलती है।
    • तनाव को दूर करने और मन को शांत करने में थलम (Thalam) थेरेपी काफी प्रभावी है। रोजमर्रा की जरुरतों को पूरा करने में होने वाली थकान और तनाव को मिटाने में इसका इस्तेमाल हो सकता है।
    • थलम (Thalam) थेरेपी सिर के अलावा आंखों की सेहत में भी सुधार करती है। आंखों की दृष्टि सुधारने में इसका अहम रोल है।
    • इस थेरेपी के माध्यम से एकाग्रता मजबूत करने में मदद मिलती है।
    • ये थेरेपी कई अन्य समस्याओं से भी निजात दिलाने में सक्षम है। ये स्किन व स्कैल्प की समस्या से छुटकारा दिलाती है।

    थलम (Thalam) के नुकसान

    थलम (Thalam) के नुकसान

    आयुर्वेदिक थेरेपी होने के कारण थलम मूल रूप से सुरक्षित होती है। ये प्राकृतिक थेरेपी है मगर कुछ मामलों में इसके नुकसान भी देखने को मिलते हैं।

    • अगर किसी व्यक्ति को स्किन एलर्जी की समस्या है तो उसे थेरेपी लेने के कारण एलर्जी हो सकती है।
    • जिन लोगों के माथे पर फोड़े या दानों की समस्या होती है उन्हें भी इस थेरेपी से नुकसान हो सकता है। कई मामलों में ये थेरेपी दानों की संख्या को बढ़ा देती है।
    • कई मामलों में स्किन पर जलन होने की शिकायत भी की जाती है।
    • अगर ये थेरेपी सही प्रकार से न की जाए तो इससे एलर्जी की समस्या पैदा हो सकती है।

    बरतनी चाहिए ये सावधानियां

    बरतनी चाहिए ये सावधानियां

    • थलम (Thalam) ऐसी थेरेपी है जिसे करवाना सभी के लिए आसान नहीं है। इस थेरेपी को करवाने से पहले कई सावधानियां बरतनी पड़ती है ताकि इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
    • थलम (Thalam) थेरेपी करवाने से पूर्व नियमित और प्राथमिक जांच करवानी चाहिए।
    • थलम (Thalam) थेरेपी करवाने के बाद व्यक्ति को भागदौड़ करने से बचना चाहिए। थेरेपी के बाद पर्याप्त मात्रा में आराम करना बहुत जरूरी है।
    • इस थेरेपी को करवाने के बाद जरुरी है कि बेहतर और हेल्दी डाइट फॉलो की जाए। लिक्विड डाइट पर फोकस करें। तला-भुना और फास्ट फूड खाने से बचें।
    • थलम (Thalam) थेरेपी का पूर्णत: लाभ लेने के लिए व्यक्ति को रोज ध्यान और वॉक करनी चाहिए। ये शरीर को चुस्त रखने में मददगार होता है। इससे व्यक्ति एक्टिव बना रहता है।

    थलम (Thalam) थेरेपी करवाने के लिए चुकानी पड़ेगी ये कीमत

    थलम (Thalam) थेरेपी को करवाने के लिए मरीज को सरकारी और प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों पर जाना होगा। इस थेरेपी के एक सेशन के लिए सरकारी केंद्रों पर 300 रुपये जबकि प्राइवेट केंद्रों पर 500 रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि हर केंद्र पर थलम थेरेपी के प्रति सेशन की कीमत भिन्न हो सकती है।

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