[gtranslate]

दर्द से राहत पाने के लिए अपनाएं पिचू थेरेपी (Pichu Therapy)

Avatar for Ritika
Written by Ritika

@

घंटों ऑफिस में बैठे रहने और व्यायाम की कमी का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है। खराब लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की बीमारियां शरीर पर कब्जा कर उसे कमजोर करने में जुटी रहती है। शारीरिक श्रम की कमी के कारण अब हड्डियों की बीमारियां होना काफी आम हो गया है। वहीं व्यायाम की कमी के कारण हड्डियों की परेशानियां होने लगती है। आयुर्वेद में वैसे तो हर बीमारी का इलाज होता है। इलाज का ऐसा ही एक तरीका है “पिचू थेरेपी (Pichu Therapy)”, जिसमें शरीर से बीमारियां भगाई जाती है। ये उपचार उन लोगों के लिए लाभकारी है जो खराब जीवनशैली के कारण जोड़ों और हड्डियों में दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) उपचार वात दोष को संतुलित कर किया जाता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ वात असंतुलन के कारण कपाल तंत्रिकाओं यानी मस्तिष्क तंत्रिकाओं में उत्पन्न अविकारों ठीक करने के लिए पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) का सहारा लेते है। इस उपचार में कई परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। खासतौर से खराब जीवनशैली के कारण उत्पन्न हुई आदतें जैसे नींद में कमी, भूख न लगना जैसे कई तरीकों से दिख सकता है। वहीं आयुर्वेदिक उपचार पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) को कई स्वास्थ्य शोध संस्थाओं द्वारा प्रभावी व सुरक्षित माना गया है।

पिचू थेरेपी के बारे में सब जानें

  1. जानें पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के बारे में (Know about Pichu Therapy)
  2. ये हैं विभिन्न पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) (Different Pichu Therapy)
  3. पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के हैं अनेक लाभ (Advantages of Pichu Therapy)
  4. पिचू उपचार के दौरान बरतनी पड़ती हैं सावधानियां (Precaution to take during Pichu Therapy)
  5. इन परिस्थितियों में हो सकता है नुकसानदेह (Disadvantages of Pichu Therapy)

डॉक्टर से लें मुफ्त सलाह

    जानें पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के बारे में (Know about Pichu Therapy)

    जानें पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के बारे में (Know about Pichu Therapy)

    पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) एक ऐसा आयुर्वेदिक उपचार है जो संपूर्ण समस्याओं को दूर करने में प्रभावी उपचार के तौर पर उभरा है। इस उपचार में औषधीय तेल को गर्म कर रूई में डूबोकर उसकी मोटी परत बनाकर दर्द से प्रभावित हिस्से पर कुछ मिनटों के लिए लगाया जाता है। रूई के सोखे हुए तेल को गर्म रखने के लिए परत को बार बार बदला जाता है। इस गर्म तेल की भाप से मरीज को दर्द भरे हिस्से में दर्द से आराम मिलता है। बता दें कि ये ऐसा उपचार है जिसे मुख्य रुप से जोड़ों के दर्द , हड्डियों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। पिचू को रीढ़ संबंधित समस्याओं के लिए भी रामबाण माना जाता है।
    हालांकि मरीज की स्थिति और दर्द के आधार पर तय किया जाता है कि ये इलाज कितने लंबे समय तक किया जाएगा। आमतौर पर इस उपचार को करने के लिए 30-45 मिनट के सेशन लिए जाते हैं, जो कि दर्द की गंभीरता के आधार पर सात से 14 दिनों तक जारी रह सकते है।
    पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) मुख्य रुप से ऐसा उपचार है जो शरीर की बीमारियों को दूर करने का काम करता है। पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है जो किसी एक नहीं विभिन्न प्रकार से दिया जाता है। इसमें शरीर के अलग अलग हिस्सों को भी आयुर्वेद के जरिए ठीक करने पर बल दिया जाता है।

    इसे भी पढ़े-पंचकर्म के नुकसान

    ये हैं विभिन्न पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) (Different Pichu Therapy)

    ये हैं विभिन्न पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) (Different Pichu Therapy)

    • ग्रीवा पिचू – इसे गर्दन पर किया जाता है।
    • नबी पिचू – इसे नाभि पर किया जाता है।
    • शिरो पिचू – इसे सिर के हिस्से पर किया जाता है।
    • काटी पिचू – इसे कमर के हिस्से के लिए सबसे उपयोगी माना गया है।

    पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के हैं अनेक लाभ (Advantages of Pichu Therapy)

    पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के हैं अनेक लाभ (Advantages of Pichu Therapy)

    • मुख्य रूप से हड्डियों, जोड़ों के दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले इस पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के कई ऐसे लाभ भी हैं जिनकी आमतौर पर चर्चा नहीं होती है।
    • पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के जरिए माइग्रेन और अनिद्रा की परेशानी से राहत मिलती है।
    • इस उपचार की मदद से स्कैल्प का संक्रमण व स्कैल्प संबंधित अन्य समस्याएं मसलन खुजली और जलन को छूमंतर किया जाता है।
    • स्पोंडिलोसिस की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति या गर्दन दर्द से परेशान व्यक्ति को भी इस उपचार से राहत मिलती है।
    • पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) के जरिए बाल झड़ने की परेशानी, दो मुहें बाल और सफेद बालों से छुटकारा मिलता है।
    • जिन लोगों को नींद नहीं आने की शिकायत होती है उनके लिए भी पिचू उपचार प्रभावी सिद्ध हो सकता है।
    • पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) दिमाग के लिए भी काफी उपयोगी है। ये याददाश्त बढ़ाने में सहायक है।
    • आंखों की रोशनी को बढ़ाने व आंखों का तनाव कम करने के लिए पिचू थेरेपी (Pichu Therapy) लाभकारी है।
    • अपच की परेशानी से जूझ रहे लोगों और भूख को नियंत्रित करने में पिचू उपचार अहम भूमिका निभा सकता है।

    इन परिस्थितियों में हो सकता है नुकसानदेह (Disadvantages of Pichu Therapy)

    इन परिस्थितियों में हो सकता है नुकसानदेह (Disadvantages of Pichu Therapy)

    पिचू वैसे तो आयुर्वेद का ऐसा उपचार है जिसके जरिए किसी तरह के साइड इफैक्ट के होने की आशंका काफी कम रहती है। मगर कुछ खास मामलों में इसके साइडइफैक्ट भी देखने को मिल सकते है। इसमें नसों में दबाव, सांस लेने में परेशानी, पीठ दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि पिचू उपचार डॉक्टर की सलाह के बाद ही लिया जाए। इस इलाज पद्धति को किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करवाएं।

    पिचू उपचार के दौरान बरतनी पड़ती हैं सावधानियां (Precaution to take during Pichu Therapy)

    पिचू उपचार के दौरान बरतनी पड़ती हैं सावधानियां (Precaution to take during Pichu Therapy)

    • इस उपचार को करवाने वाले मरीजों को ध्यान रखना चाहिए कि एक्सपर्ट द्वारा निर्धारित किए गए इसके सभी सेशन समय पर पूरे करें। ऐसा ना कर ने से उपचार का पूरा लाभ नहीं मिलता है। हालांकि अगर कोई शारीरिक नुकसान हो रहा है तो इसकी जानकारी एक्सपर्ट को जरुर दें।
    • पिचू उपचार के बाद आहार का सेवन जरुर करें।
    • उपचार का सेशन खत्म होने के बाद पर्याप्त आराम करें। उपचार के बाद किसी तरह के व्यायाम करने या शरीर को थकाने से बचें।

    इसे भी पढ़े-जानिए थलम थेरेपी के फैयदे और नुकसान के बारे में

    हमारे डॉक्टर से सलाह लें

      रिलेटेड आर्टिकल्स