[gtranslate]

उद्वर्तन (Udvartan) पद्धति के हैं कई फायदे, वजन कम करने में है लाभदायक

Avatar for Ritika
Written by Ritika

@

शरीर से चर्बी को कम करने के लिए आजकल युवा आमतौर पर एक्सरसाइज या जिम का सहारा लेना पसंद करते है। ये प्रक्रिया काफी थकावट और मेहनत वाली होती है। लोग जिम जाकर वजम कम करना शुरू तो करते हैं मगर इसे लंबे समय तक जारी नहीं रख पाते। वैसे काफी कम लोगों को पता है कि शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने के लिए आयुर्वेद के पास भी खास तरीका है। इस तरीके को आयुर्वेद में उद्वर्तन पद्धति के नाम से जाना जाता है। ये पद्धति काफी कारगर तरीके से चर्बी को कम करने का काम करती है। उद्वर्तन पद्धति मसाज करने का एक ऐसा तरीका है जिसमें मरीज के शरीर पर विभिन्न प्रकार का प्रेशर लगाकर मसाज की जाती है।

इस मसाज को करने से मोटापा दूर किया जा सकता है। इस थेरेपी को मोटापा कम करने या चर्बी हटाने में कारगर माना जाता है। इस समस्या से निदान दिलाने के लिए वर्षों से इस पद्धति का उपयोग किया जा रहा है। इस मसाज को करने से कफ, वात दोष संतुलित करने में मदद मिलती है। इस मसाज पद्धति की मदद से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। इस पद्धति में गर्दन से नीचे शरीर में मसाज की जाती है। उद्वर्तन पद्धति से की गई मसाज मरीज के लिए कई तरीकों से लाभदायक होती है।

इसे भी पढ़े – वजन कम करने के लिए घरेलू उपाय

जानें उद्वर्तन पद्धति के बारे में सब

  1. क्या है उद्वर्तन पद्धति
  2. ये है उद्वर्तन मसाज की प्रक्रिया
  3. एक सेशन में लगता है एक घंटा
  4. जानें उद्वर्तन के लाभ
  5. मसाज के दौरान इन सावधानियों को बरतना है जरूरी

डॉक्टर से लें मुफ्त सलाह

    क्या है उद्वर्तन पद्धति

    क्या है उद्वर्तन पद्धति

    ये एक ऐसी पद्धति है जिसमें गर्दन के नीचे हिस्से पर पूरे शरीर में बालों की दिशा से उल्टी दिशा में हल्के दबाव से मसाज की जाती है। इस मसाज में हर्बल यानी कई औषधीय तेलों के साथ हर्बल पाउडर को मिलाया जाता है। ये मसाज कई तरह से की जाती है। इसमें स्निग्धा, उदगर्षण और उत्सादन जैसे मसाज शामिल है। ये मसाज फैट और स्ट्रेस को कम करने में सहायक होती है।

    ये है उद्वर्तन मसाज की प्रक्रिया

    ये है उद्वर्तन मसाज की प्रक्रिया

    • उद्वर्तन मसाज को हमेशा एक थेरेपिस्ट की मदद से करवाना चाहिए। ये मसाज सुबह के समय खाली पेट और नहाने से पहले की जाती है।
    • ये मसाज करवाने से पहले हल्की एक्सरसाइज करना अच्छा होता है।
    • मसाज के बाद मरीज को अभ्यंग टेबल पर लेटना होता है।
    • मरीज को पहले कमर के बल लिटाया जाता है। इस अवस्था में लेटने के बाद थेरेपिस्ट को मसाज की जाती है।
    • मरीज को बाएं ओर मुंह कर करवट के बल लिटाया जाता है।
    • मसाज पूरी होने के बाद पीठ के बल लेटने को कहा जाता है।
    • मसाज के बाद दाई ओर मुंह कर करवट के बल लिटाया जाता है।
    • ऐसे में गर्दन के नीचे के शरीर पर मसाज होती है।
    • इस मसाज के दौरान शरीर पर हल्का प्रेशर भी महसूस हो सकता है।

    इसे भी पढ़े – पंचकर्म के नुकसान

    एक सेशन में लगता है एक घंटा

    एक सेशन में लगता है एक घंटा

    बता दें कि ये मसाज अन्य मसाज की तरह ही 30 से 45 मिनट तक की जाती है। इस मसाज के पूरा होने के बाद मरीज को 15 मिनट के लिए उसी अवस्था में रेस्ट करना होता है। उसी पोजिशन में लेटे रहने से व्यक्ति के शरीर को मसाज का पूरा लाभ मिलता है। इस मसाज को कराने के बाद व्यक्ति को एक घंटे के बाद नहाना होता है। नहाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का उपयोग किया जाता है।

    जानें उद्वर्तन के लाभ

    जानें उद्वर्तन के लाभ

    उद्वर्तन पद्धति के जरिए मसाज करवाने के बाद मरीज के शरीर को काफी हल्का और रिलैक्स अनुभव होता है। इस पद्धति को अपनाने के बाद स्किन स्मूद और सॉफ्ट होती है। इस मसाज को करने से कई अन्य लाभ भी होते है।

    • इस पद्धति से शरीर की मसाज करने के बाद मन को शांति मिलती है और स्ट्रेस कम होता है। ये शरीर और मन को रिलैक्स करने में सहायक है। इस मसाज को करने के बाद अच्छी नींद आती है।
    • इस मसाज के जरिए बॉडी मास इंडेक्स को संतुलित रखने में मदद मिलती है। इस मसाज में उपयोग होने वाली तकनीक में कई तरह के हर्ब्स और पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। ये बॉडी फैट को कम करते है।
    • उद्वर्तन पद्धति में उपयोग होने वाले पाउडर को स्किन के लिए बहुत लाभकारी बताया जाता है। स्किन को स्मूद करने और सॉफ्ट बनाने में ये पद्धति उपयोगी होती है। इस मसाज को करने के बाद स्किन की रंगत में निखार आता है।

    मसाज के दौरान इन सावधानियों को बरतना है जरूरी

    मसाज के दौरान इन सावधानियों को बरतना है जरूरी

    • इस मसाज को करने के बाद हल्का भोजन लें।
    • शरीर को हाइड्रेट रखना जरुरी है, इसलिए पानी पीते रहें।
    • हर्बल टी का सेवन भी करें।
    • उद्वर्तन पद्धति को लेने से पूर्व मरीज खाली पेट होना चाहिए, यानी ब्लैडर और आंते खाली होनी चाहिए।
    • बालों की उल्टी दिशा में मसाज करना बेहतर होता है।
    • शरीर के उन हिस्सों पर मसाज नहीं करनी चाहिए जो नाजुक होते है।
    • हाई ब्लड प्रेशर और स्किन प्रॉब्लम से जूझने पर इस मसाज को नहीं कराना चाहिए।
    • उद्वर्तन मसाज को लेने के बाद शरीर का तापमान बढ़ने की संभावना होती है।

    हमारे डॉक्टर से सलाह लें

      रिलेटेड आर्टिकल्स