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कपालभाती प्राणायाम(Kapalbhati Pranayama) करने का विधि और फायदे

Written by Juli Kumari

@ Health Expert

अक्सर लोगों को घर और ऑफिस के काम के कारण थकान हो जाती है। जिसके लिए योग बहुत ज़रूरी है। रोज़ाना व्यायाम से केवल शारीरिक थकान ही दूर नहीं होती है। बल्कि ये मानसिक थकान दूर करने का भी एक अच्छा तरीका है। योगा से हम सभी रोगों का इलाज घर में ही बड़ी आसानी से कर सकते हैं। रोज़ाना योग को अपने दिनचर्या में शामिल करने से शरीर रोगों से मुक्त रहता है। उम्रदराज लोगों की बात करें तो बुज़ुर्ग लोगों को रोज़ाना हल्का व्यायाम (kapalbhati yoga) तो ज़रूर ही करना चाहिए। इससे घुटनों में दर्द और मांसपेशियों में खिचाव की शिकायत नहीं होती है।

करें कपालभाती प्रणायाम (Kapalbhati pranayama in hindi)

प्रचीन काल से ही शरीर और मन को शांत करने के लिए योग का सहारा लिया जाता है। इस योग में एक नाम कपालभाती (kapalbhati) का भी आता है। ये प्राणायाम योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस व्यायाम को करते समय तेज़ी से सांस छोड़ी जाती है। जिससे शरीर अंदर से स्वच्छ हो जाता है। कहते हैं कपालभाती दो शब्दों के मेल से बना है। ‘कपाल’ जिसका अर्थ है ‘माथा’ और ‘भाति’ यानी ‘तेज़’।

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कपालभाती के फायदे (benefits of kapalbhati pranayama in hindi)

कपालभाती योगासन के अनेकों लाभ हैं जैसे-

  • कपालभाती करते समय सांस तेज़ी से खींचने और छोड़ने से शरीर में खून का संचालन ठीक होता है। जिससे शरीर अंदर से साफ हो जाता है।
  • कपालभाती योगासन प्रदूषण के कारण होने वाली सांस की दिक्कतों से भी बचाता है।
  • रोज़ाना कपालभाती करने से सांस लेने की सही प्रक्रिया के बारे में पता चलता है। जिससे दिल की बीमारी नहीं होती है।
  • जिन लोगों को मधुमेह की शिकायत हो तो उसे कपालभाती ज़रूर करनी चाहिए। इसे शुगर लेवल संतुलित रहता है।
  • शरीर के बढ़ते भार से लगभग सभी लोग परेशान रहते हैं। अगर आपका भी शरीर का भार आवश्यकता से अधिक है तो ऐसे में कपालभाती ज़रूर करें। ये पेट को अंदर करने में मदद करता है।
  • आजकल लोग मसालेदार चीज़े खाना ज़्यादा पसंद करते हैं। जिसके कारण व्यक्ति का पाचन तंत्र कमज़ोर हो जाता है। इस स्थिति में कपालभाती प्राणायाम करना चाहिए। ये पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
  • योगासन से त्वचा की चमक बनी रहती है। इसलिए रोज़ाना सुबह कपालभाती ज़रूर करें। इससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती हैं।

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    कपालभाती करने की विधि

    कपालभाती प्राणायाम करने के लिए नीचे दिए गए तरीकों को आजमाएं।

    कपालभाती करने की विधि

    • सबसे पहले अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए आराम की स्थिति में बैठ जाएं। अपने हाथ को आराम से घुटनों पर रखें।
    • इसके बाद एक लंबी गहरी सांस अंदर की तरफ लें।
    • अब सांस छोड़ते हुए पेट को तेज़ी से अंदर की ओर खींचे। ध्यान रहे पेट को इस तरह अंदर खिंचना है की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। साथ ही नाभि को भी अंदर की ओर खींचे।
    • कपालभाती प्राणायाम को पूरा करने के लिए 20 से 25 सांसे छोड़नी होती है।
    • जब कपालभाती का एक राउंड पूरा हो जाए तो थोड़ी देर आराम करें। और आराम की स्थिति में अपनी आंखों को बंद कर लें।

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    सावधानियां

    कपालभाती करते समय आपको निम्न सावधानियों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।

    • यदि आप कमर दर्द, मिर्गी, स्लिप डिस्क आदि से पीड़ित हैं तो इस योग को करने से बचें।
    • इसके अलावा यदि आप गर्भवती हैं या हालहीं में पेट की सर्जरी हुई है तो इस स्थिति में ये योग आपके लिए बिल्कुल भी सुक्षित नहीं है।
    • अनियमित दिनों के दौरान भी इस प्राणायाम के करने से बचें।

    व्यस्त दिनचर्या के कारण थकान का होना तो आम है। साथ ही खानपान अनियमित होने के कारण पेट में गैस और कब्ज़ जैसी समस्या हो जाती है। ऐसे में कपालभाती प्राणायाम आपके लिए बहुत फायदेमंद है। ये पूरे दिन की भागदौड़ के कारण होने वाली टेंशन को तो खत्म करता ही है। साथ ही पेट को भी साफ करता है। जिससे पेट में गैस और कब्ज़ की शिकायत नहीं होती है।

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