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गुड़हल के फूल (Hibiscus Flower) के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण

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Written by Ritika

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क्या आपके बाल झड़ते हैं? क्या आपका भी वजन काफी अधिक है? क्या आप भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से परेशान है? क्या आपका ब्लड प्रेशर भी हाई रहता है? तो आपके लिए हिबिस्कस यानी गुड़हल का फूल काफी लाभदायक हो सकता है। हिंदू धर्म संस्कृति में अहमियत रखने वाला गुड़हल का फूल कई देवी देवताओं की पूजा में उपयोग किया जाता है। बेहद सुंदर दिखने वाला यह फूल मुख्य रुप से भारत व आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है। हिबिस्कस में कई आयुर्वेदिक गुण (hibiscus uses in ayurveda) होने के कारण इसे स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
हिबिस्कस के स्वास्थ्य गुणों (hibiscus uses in ayurveda) के बारे में लोग अनजान है। ये फूल इतना उपयोगी है कि एक नहीं बल्कि कई बीमारियों और समस्याओं से राहत देने में कारगर सिद्ध होता है। बता दें कि गुड़हल मालवेसी परिवार से ताल्लुक रखता है। इसमें कई बीमारियों को दूर करने के गुण होते है।

गुड़हल के बारे में जाने ये बातें

  1. जानें गुड़हल के उपयोग फायदे (hibiscus uses in ayurveda)
  2. गुड़हल के हैं ये नुकसान

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    जानें गुड़हल के उपयोग फायदे (hibiscus uses in ayurveda)

    जानें गुड़हल के उपयोग फायदे (hibiscus uses in ayurveda)

    घने बनाए बाल

    गुड़हल का फूल बेहद चमत्कारी (Hibiscus flower extract benefits) लाभ देता है। अगर बालों के झड़ने की समस्या है तो गुड़हल की पत्तियां इस समस्या से राहत दे सकती है। जैतुन के तेल के साथ गुड़हल की पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाने से बाल घने होते है। इस पेस्ट को सिर पर 10 से 15 मिनट के लिए लगाकर गुनगुने पानी से सिर धोना चाहिए। ये उपाय बालों को घना बनाने में मददगार है। गुड़हल के पत्ते प्राकृतिक हेयर कंडीशनर के तौर पर काम करते है। बाल शैम्पू से धोने के बाद गुड़हल के पत्तों को लगाने से बालों का रंग भी काला होता है। ये रूसी से राहत दिलाने में कारगर माना जाता है। इसकी पत्तियों में आंवला पाउडर मिलाकर मालिश करने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।

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    कोलेस्ट्रॉल को करे कम

    गुड़हल की पत्तियों (hibiscus uses in ayurveda) की चाय पीने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इसके सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल यानी LDL कम होता है और HDL का स्तर बढ़ता है। गुड़हल की चाय के पोषक तत्व धमनी में पट्टिका को जमन से रोकते है। कोलेस्ट्रॉल के साथ ये दिल की बीमारियों का खतरा कम करता है। इसका सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों को लाभ होता है।

    एनीमिया को भगाए

    जब किसी व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी होती है तो उसे एनीमिया की समस्या हो जाती है। गुड़हल के फूल (hibiscus uses in ayurveda) की चाय पीने से इस बीमारी में राहत मिलती है क्योंकि गुड़हल के फूल में मौजूद आयरन के सेवन से एनीमिया की बीमारी में राहत मिलती है। गुड़हल से आयरन की कमी को दूर करने के लिए जरुरी है कि 40 से 50 गुड़हल के फूलों (Hibiscus flower extract benefits) की कलियों को पीसकर उसके डिब्बे में बंद कर रखें। रोज इस रस को सुबह और शाम दूध के साथ पीने से एनीमिया की समस्या खत्म होगी।

    मासिक धर्म को बनाए नियमित

    महिलाएं के मासिक धर्म को नियमित बनाने में गुड़हल के पत्तियों की चाय का सेवन करना चाहिए। ये मासिक धर्म को नियमित करने में मददगार है।

    एंटी एजिंग के रूप में करें इस्तेमाल

    गुड़हल की पत्तियों (hibiscus uses in ayurveda) का उपयोग करने से त्वचा में खिंचाव आता है। ये त्वचा को जवां बनाकर इसे खूबसूरत दिखाती है। इसके उपयोग से महिलाओं में एंटी एजिंग की समस्या दूर होती है।

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    हाई बीपी से दिलाए राहत

    जो लोग हाई बीपी की समस्या से परेशान रहते हैं उन्हें गुड़हल का उपयोग करना चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक गुड़हल की चाय (Hibiscus flower extract benefits) के सेवन से हाई बीपी की समस्या कम होती है। ये हृदय गति को सामान्य करता है।

    वजन कम करने में असरदार

    गुड़हल (hibiscus uses in ayurveda) की चाय पीने से से भूख लगने की समस्या कम होती है। ये वजन कम करने में भी सहायक है, जिसकी पुष्टि कई अध्ययनों में हुई है। हिबिस्कस स्टार्च और ग्लूकोज को कम करता है। इसकी पत्तियों से बनी चाय ऊर्जा देती है। ये पाचन क्रिया को भी मजबूत बनाती है। इसका नियमित रूप से सेवन किया जाए तो ये पाचन क्रिया को तेज कर अतिरिक्त चर्बी को कम करती है।

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    त्वचा को नई रौनक दे गुड़हल

    गुड़हल के इस्तेमाल (hibiscus uses in ayurveda) से त्वचा को नई रौनक मिलती है। गुड़हल की पत्तियों (hibiscus uses in ayurveda) में आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते है। ये त्वचा को जवां बनाकर चेहरे से झुर्रियां, मुंहासे, दाग धब्बे को दूर करने में मदद करते है। इसक लाभ लेने के लिए लाल गुड़हल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीसें। इसमें शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे का रूखापन दूर होता है। इसे लगाने से चेहरे पर ताजगी नजर आती है।

    सर्दी जुकाम से दे राहत

    जिन लोगों को सर्दी जुकाम की समस्या होती है उन्हें गुड़हल की पत्तियों की चाय बनाकर पीना चाहिए। नियमित रूप से इसका सेवन करने से सर्दी जुकाम से राहत मिलती है। बता दें कि गुड़हल की पत्तियों (hibiscus uses in ayurveda) में विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो जुखाम से राहत दिलाता है।

    किडनी स्टोन में लाभदायक

    किडनी स्टोन के मरीजों को भी गुड़हल की पत्तियों की चाय या हिबिस्कस पाउडर का सेवन करना चाहिए। वर्ष 2012 में हुई स्टडी के मुताबिक गुड़हल के सेवन (hibiscus uses in ayurveda) से किडनी की पथरी का इलाज होता है। इसके सेवन से किसी तरह के साइडइफैक्ट्स नहीं होते है। हालंकि ये स्टडी चूहों पर की गई थी।

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    जानें अन्य लाभ

    • जिन लोगों का मूड किन्ही कारणों से खराब रहता है उन्हें गुड़हल (hibiscus uses in ayurveda) की चाय का सेवन करना चाहिए।
    • जिन लोगों के मुंह में बार बार छाले होते हैं उन्हें गुड़हल (hibiscus uses in ayurveda) के पत्तों को चबाना चाहिए।
    • गुड़हल के पत्तों और फूलों (Hibiscus flower extract benefits) को पीसकर पाउडर बनाकर दूध में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से याददाश्त बढ़ती है।
    • गुड़हल के फूलों (Hibiscus flower extract benefits) में एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते है। ये कैंसर को रोकने में मददगार होते है।
    • इसके सेवन से बालों का रंग काला किया जा सकता है।
    • इसके सेवन से अल्जाइमर के रोग का खतरा भी कम किया जा सकता है।
    • गुड़हल की चाय पीने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। ये कब्ज का भी सकारात्मक तरीके से इलाज करता है।

    गुड़हल के हैं ये नुकसान

    • गर्भवती महिलाओं या गर्भ धारण करने वाली महिलाओं को गुड़हल की चाय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एस्ट्रोजेन के स्तर को कम करती है। इसके सेवन से गर्भपात होने का खतरा होता है।
    • जो महिलाएं स्तनपान करा रही हैं उन्हें भी गुड़हल की चाय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस अवधि के दौरान इसका सेवन करने के संबंध में अधिक तथ्य मौजूद नहीं है।
    • गुड़हल की चाय पीने से नींद आने लगती है। इसे पीकर ड्राइव नहीं करना चाहिए।
    • ये चाय उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए लाभदायक है क्योंकि इसके सेवन से रक्तचाप कम होता है। निम्न रक्तचाप के रोगी इसका सेवन करने से बचें।

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