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अणु तेल (Anu Tel) के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे मे जानिए

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Written by Ritika

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भारतीय घरों में वर्षों से अणु तेल का उपयोग (Anu Tel usage) नाक में डालने के लिए वर्षों से परंपरा के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है। ये तेल बेहद उपयोगी होता है, जिसके नियमित प्रयोग से कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से रोकथाम भी हो सकती है। अणु तेल (Anu Tel) का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इस अद्भुत तेल के कई अनेक फायदे भी हैं। नियमित रूप से इस अणु तेल (Anu Tel) के प्रयोग से स्वास्थ्य को कई अचूक लाभ मिलते हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद से आयुर्वेद की तरफ भारी मात्रा में लोगों ने रुख किया है। इस समय में आयुर्वेद के गुणों से भरपूर अणु तेल (Anu Tel) का उपयोग ना सिर्फ कोरोना से बचाने में सक्षम है बल्कि कई अन्य बीमारियों से बचाने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है। बता दें कि अणु तेल (Anu Tel) को कई जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है, जिसके उपयोग को उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग से भी मंजूरी प्राप्त हुई है। ये तेल आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कई वर्षों से काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ये आयुर्वेदिक चिकित्सा की प्रमुख औषधि है, जिसका आयुर्वेद के इतिहास में सैंकड़ों वर्षों से सफलता से इस्तेमाल किया जाता रहा है। वहीं वर्तमान में देश और दुनिया में फैले कोरोना वायरस संक्रमण और इसके बदलते स्वरूपों यानी कोरोना वायरस के बदलते वेरिएंट्स के खिलाफ और बचाव के लिए भी अणु तेल (Anu Tel) का इस्तेमाल में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

अणु तेल (Anu Tel) का इस्तेमाल भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति में किया जाता रहा है। इसका उपयोग घरेलू स्तर पर सैंकड़ों हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। ये ऐसा उपाय है जो हर भारतीय घर में आसानी से ना सिर्फ उपलब्ध है बल्कि इसका नियमित रूप से पालन करना भी बेहद सरल है। गौरतलब है कि भारतीय चिकित्सा पद्धति में नाक व कान से तेल डालने की परंपरा की सफलता के कारण ही इस पद्धति को बढ़ावा मिलता है।

अणु तेल (Anu Tel) के बारे में जानें सब

  1. अणु तेल (Anu Tel) का ऐसे करें उपयोग (Anu Tel usage in Hindi)
  2. ये हैं अणु तेल (Anu Tel) के अनेक फायदे (Advantages of Anu Oil)
  3. अणु तेल (Anu Tel) के हैं ये नुकसान (Disadvantages of Anu Tel)

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    अणु तेल (Anu Tel) का ऐसे करें उपयोग (Anu Tel usage in Hindi)

    अणु तेल (Anu Tel) का ऐसे करें उपयोग (Anu Tel usage in Hindi)

    • अणु तेल (Anu Tel) का इस्तेमाल नाक के जरिए डालकर किया जाता है।
    • इस तेल का प्रयोग निर्धारित खुराक के तौर पर किया जाना चाहिए।
    • इस तेल को मरीज की नाक में डालने से पहले मरीज के सिर और चेहरे की अच्छे से मालिश करनी चाहिए।
    • इस तेल को नाक में डालने की विशेष प्रक्रिया है। सिर को 30 डिग्री पर लाने के बाद इस तेल को नाक के जरिए बूंद बूंद कर डाला जाता है।
    • नाक के एक छेद में तेल डालने के पश्चात दूसरे छेद को बंद किया जाता है और लंबी सांस लेने को कहा जाता है।
    • लंबी सांस लेने के कारण नाक के जरिए होते हुए ये तेल व्यक्ति के गले के अंतिम झोर पर पहुंचता है जहां म्यूकस होता है।
    • मरीज को कुछ समय के लिए इसी स्थिति में रखा जाता है, जिससे गले में जमा म्यूकस तेल के पहुंचने पर बाहर आ सके। तेल इस म्यूकस को बाहर निकालने में मददगार होता है।
    • कफ बाहर निकालने और प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद गले और मुंह को गुनगुने पानी से साफ करना भी महत्वपूर्ण होता है।

    इसे भी पढ़े-सरसों के तेल के फायदे

    ये हैं अणु तेल (Anu Tel) के अनेक फायदे (Advantages of Anu Oil)

    ये हैं अणु तेल (Anu Tel) के अनेक फायदे (Advantages of Anu Oil)

    • नाक, कान और गले के लिए लाभदायक (Beneficial for Nose, Ears and Throat)
      आयुर्वेद के मुताबिक अणु तेल (Anu Tel) मुख्य रूप से नाक, कान और गले से संबंधित समस्याओं से निजात दिलाने में उपयोगी सिद्ध होता है। इस तेल को इस्तेमाल करने से कई लाभ होते हैं। इस तेल के नियमित इस्तेमाल से वात, पित्त और कफ दोष दूर होकर संतुलित होता है।
    • आंखों की रोशनी सुधारे (Improves eye sight)
      अणु तेल (Anu Tel) के उपयोग से आंखों की रोशनी बढ़ती है। ये मोतियाबिंद, मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया जैसी आंख संबंधित बीमारियों को दूर करने में सहायक है। आंखों की रोशनी को तेज करने में अणु तेल (Anu Tel) सक्षम है।
    • गले की सूजन करे दूर (Reduces Sore throat)
      अणु तेल (Anu Tel) के इस्तेमाल से गले में आई सूजन को कम करने में मदद मिलती है। ये टॉन्सिलाइटिस, एफोनिया, आवाज के भारीपन जैसी परेशानियों से राहत दिलाने में मददगार होता है। इसके नियमित उपयोग से आवाज की गुणवत्ता में सुधार होता है।
    • बढ़ाए सूंघने की क्षमता (Improves Sense of Smell)
      अणु तेल (Anu Tel) के इस्तेमाल से व्यक्ति के सूंघने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। ये म्यूकोसा और म्यूकस मेंब्रेन की सूजन को खत्म करता है। इसके इस्तेमाल से साइनसाइटिस व साइनस का इलाज आसानी से होता है।
    • कंधे के दर्द से छुटकारा दिलाए (Relief from shoulder pain)
      सालों साल चलने वाली फ्रोजन शोल्डर की बीमारी और जीवन थामने वाली फेशियल पैरालिसिस जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए भी अणु तेल (Anu Tel) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके उपयोग से चेहरे और कंधे के आसपाल की मांसपेशियां, हड्डियां और जोड़ मजबूत होते हैं।
    • बालों की सुधारे सेहत (Makes hair health strong)
      अणु तेल (Anu Tel) के इस्तेमाल से बालों की सेहत में सुधार होता है, क्योंकि इसके नियमित प्रयोग से सिर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। ये समय से पहले सफेद हुए बाल और झड़ते बालों की समस्या को दूर करता है।
    • मस्तिष्क की बीमारियों को करे दूर (Cures Brain Diseases)
      अणु तेल (Anu Tel) के इस्तेमाल से कई दिमागी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इसमें माइग्रेन, पार्किंसन डिजीज, डिप्रेशन, याददाश्त की कमी और मानसिक तनाव जैसी दिमागी बीमारियों से बचाव करने में सक्षम है। इस तेल से इस्तेमाल से ब्रेन की नसों को स्टिमूलेट किया जाता है। ये नर्व डिसऑर्डर को भी कम करत है। बार बार होने वाले सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

    अणु तेल (Anu Tel) के हैं ये नुकसान (Disadvantages of Anu Tel)

    अणु तेल (Anu Tel) के हैं ये नुकसान (Disadvantages of Anu Tel)

    • अणु तेल (Anu Tel) के इस्तेमाल से कुछ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसके इस्तेमाल से कई लोगों में उल्टी की समस्या होती है।
    • इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को जल नेति का साथ में उपयोग नहीं करना चाहिए। ये नेजल कैविटी को कोल्ड में बदल देती है। इस कारण कफ, सर्दी, जुकाम, साइनसाइटिस जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
    • अणु तेल (Anu Tel) का उपयोग हमेशा खाली पेट करें। ऐसा करने से उल्टी या नॉजिया से बचाव होता है।

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